- भारत सरकार की ओर से नई दिल्ली में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत के बाद जिला प्रशासन ने आदर्श सेवा संस्थान के सहयोग से किया रैली व शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन
- आदर्श सेवा संस्थान बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के देशव्यापी गठबंधन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ का सहयोगी संगठन है
जमशेदपुर.
भारत सरकार, नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के उद्घाटन के मौके पर जिला प्रशासन ने पूर्वी सिंहभूम में बाल विवाह के खिलाफ काम कर रहे गैरसरकारी संगठन आदर्श सेवा संस्थान के साथ मिलकर जागरूकता रैलियों का आयोजन किया और लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई. आदर्श सेवा संस्थान बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 400 से भी ज्यादा जिलों में काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के गठबंधन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी सदस्य है.
इस मौके पर धालभूमगढ़ प्रखंड विकास पदाधिकारी बबली कुमारी के कार्यालय के सभागार में हुए समारोह में आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका, सामुदायिक स्वस्थ केंद्र के प्रभारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, एएसआई, बाल विकास परियोजना अधिकारी, बीआरसी के अधिकारी, डालसा के पदाधिकारी, महिलाओं और पंचायत प्रतिनिधियों व अन्य को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई. जिले में जगह-जगह हुए कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, पंचायत प्रतिनिधियों, आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, बाल विवाह निषेध अधिकारी (सीएमपीओ) के अलावा बाल विवाह पीड़िताओं ने भी भागीदारी की और बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली.
यह कार्यक्रम देश से बाल विवाह के खात्मे के लिए भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत’ के आह्वान के समर्थन में किया गया, जिसका उद्घाटन 27 नवंबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने किया. दौरान उन्होंने पंचायतों और स्कूलों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई. उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही शपथ लेने वालों की संख्या 25 करोड़ तक पहुंच जाएगी. इस मौके पर बाल विवाहों की सूचना व शिकायत के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल भी शुरू किया गया.
मौके पर बीडीओ बबली कुमारी ने कहा कि उनके द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत को धरातल में उतारने के लिए जिले में कार्यरत आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका एवं एएनएम का बेहद बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहता है और उन्होंने बाल विवाह को रोकने के लिए एवं अपना अनुभव भी साझा किए. उन्होंने आश्वासन दिया कि बाल विवाह की सूचना मिलने पर तत्काल मुझे दूरभाष से सूचना दे. इसके रोकथाम के लिए उचित कार्रवाई करने के लिए दृढ़ संक्लप हूं. सभी उपस्थित लोगों को बाल विवाह रोकने के लिए शपथ भी दिलवाए. उन्होंने आदर्श सेवा संस्थान को धन्यवाद भी दिया की संस्था समाज में बाल विवाह जैसा कुरीति को रोकने के लिए अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे है.
इस राष्ट्रव्यापी अभियान और जमीन पर इसके असर की चर्चा करते हुए आदर्श सेवा संस्थान के साथी लखी दास ने कहा, “बाल विवाह के खात्मे के लिए महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ओर से शुरू किया गया. अभियान इस बात का सबूत है कि सरकार इस सामाजिक बुराई की गंभीरता से अवगत है. आज भी देश में 23 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों का बाल विवाह होता है जो न सिर्फ जीवनसाथी चुनने के उनके अधिकार का हनन है बल्कि इससे लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ रोजगार और आर्थिक निर्भरता की उनकी संभावनाओं पर भी बेहद बुरा असर होता है. सरकार की योजना इस अभियान में सभी हितधारकों को साथ लेकर चलने की है और ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ का सहयोगी संगठन होने के नाते हम इसमें पूरी तरह साथ हैं. वर्षों से बाल विवाह के खिलाफ काम करने के नाते हम भली भांति जानते हैं कि समग्र और समन्वित प्रयासों के बिना यह लड़ाई नहीं जीती जा सकती. लेकिन अब हमें विश्वास है कि सरकार और नागरिक समाज के साझा प्रयासों से भारत 2030 से पहले ही बाल विवाह के खात्मे के लक्ष्य को हासिल कर सकता है.”