- वन प्रमंडल जमशेदपुर की डीएफओ ममता प्रियदर्शर ने जारी किया बयान
- सुरक्षा की दृष्टि से पार्क में तैनात रहेंगे वनरक्षी
- क्या जारी वीडियो फेक था, अगर हां तो गार्ड पर अफवाह फैलाने की कार्रवाई क्यों नहीं करता विभाग?
- इको क्लब का किया गया गठन, वन्य जीव की गतिविधि से संबंधित देंगे सूचना
जमशेदपुर.
जमशेदपुर के कदमा स्थित बायोडावर्सिटी पार्क में तेंदुआ के होने का कोई प्रमाण वन विभाग और बाहर से आई एक्सपर्ट की टीम को नहीं मिला है. गुरुवार रात में बायोडायवर्सटी पार्क में तेंदुआ को देखे जाने की सूचना वहां तैनात निजी सुरक्षा कर्मी ने दी थी. उसके द्वारा एक वीडियो भी बनाया गया था जिसमें तेंदुआ पार्क में घूमता दिख रहा था. हालांकि वन प्रमंडल जमशेदपुर की डीएफओ ममता प्रियदर्शी ने रविवार की शाम एक वीडियो बयान जारी करते हुए यह साफ किया है कि कदमा बायोडायवर्सिटी पार्क में तेंदुआ के होने के कोई भी प्रमाण नहीं मिले हैं. उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षाकर्मी, वनरक्षियों ने रात तीन बजे तक पेट्रोलिंग की है, लेकिन तेंदुआ की कोई गतिविधि नहीं दिखी. डीएफओ ने बताया कि सोनारी में भी तेंदुआ के देखे जाने की बात सामने आई थी, लेकिन जांच में वहां भी कुछ प्रमाण नहीं मिला.
लिंक क्लिक कर सुने वीडियो, क्या कुछ डीएफओ ने कहा
https://www.facebook.com/share/v/zLtod4MkMuUY7o1c/?mibextid=qi2Omg

बनाया गया इको क्लब
डीएफओ ममता प्रियदर्शी ने बताया कि अलर्ट और सूचना के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर में सोनारी, कपाली क्षेत्र से तेंदुआ के होने के कई फोन आए थे. सभी फोन को गंभीरता से लेते हुए जांच किया गया. लेकिन कोई प्रमाण नहीं मिला. डीएफओ ने बताया कि बावजूद उन्होंने सूचना देने वाले लोगों को मिलाकर एक इको क्लब का गठन किया है जिस एरिया से जिसने फोन किया था उसे उस क्लब का हेड बना दिया है. उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है कि वन्य जीव से संबंधित कोई भी गतिविधि होने पर वे तुरंत विभाग को सूचित करेंगे. इस टीम को विभाग के वरीय अधिकारी और स्वयं डीएफओ करेंगी.
सोमवार से नियमित समय से खुलेगा पार्क, तैनात रहेंगे सुरक्षाकर्मी : डीएफओ
डीएफओ ममता प्रियदर्शी ने कहा कि तेंदुआ के किसी प्रकार के होने का प्रमाण नहीं मिला है, इसलिए बायोडायवर्सिटी पार्क को सोमवार से नियमित समय से खोलने की अनुमति दे दी गई है. लोग यहां मॉर्निंग और इवनिंग वॉक पर पूर्व की तरह आ सकते हैं. डीएफओ ने कहा कि पार्क में अभी कुछ दिनों तक निजी सुरक्षाकर्मियों के साथ वनरक्षी भी तैनात रहेंगे. लोगों के मन से जब तक भय समाप्त नहीं हो जाता है और वे सामान्य रूप से पार्क में घूमने के लिए जब आने लगेंगे, तो उस अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

तो क्या फेक था वीडियो
अब सवाल यह उठता है कि बायोडायवर्सिटी पार्क में तेंदुआ के होने का जो वीडियो वायरल हुआ था क्या वह फेक था. अगर विदेई फेक था, तो उसे वायरल करने वाले गार्ड पर कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए, जिसने दहशत फैलाने का काम किया है. क्योंकि वहां बी शिफ्ट में तैनात गार्ड ने पुष्टि करते हुए कहा था कि उसने तेंदुआ देखा है और उसका वीडियो बनाया है. अगर वह वीडियो झूठा था, तो गार्ड पर कार्रवाई वन विभाग क्यों नहीं कर रहा है. अगर वीडियो वहीं का है, तो उसमें दिख रहा जानवर कौन है क्या वह कुछ और है. क्योंकि वीडियो में दिख रहा जानवर कुत्ता नहीं है, यह तो तय है क्योंकि उसी के आधार पर वन विभाग ने सारी प्रक्रिया को पूरा किया था. पार्क को बंद करने से लेकर अलर्ट जारी करने का आधार वीडियो में दिख तेंदुआ जैसा जानवर ही था.
सवाल यह भी
सरायकेला के गम्हरिया, छोटा गम्हरिया, आदित्यपुर क्षेत्र में तेंदुआ के होने का प्रमाण मिला था. वन विभाग की टीम ने ही इसकी पुष्टि की थी. गम्हरिया से तेंदुआ होली के दिन यानी 25 मार्च से गायब है. गम्हरिया से तेंदुआ अब जमशेदपुर नहीं आया है, तो वह गया कहां? वन विभाग की टीम ने होली के बाद से इस संदर्भ में गम्हरिया में आगे की जांच क्यों नहीं की. अगर वह तीन चार जगहों पर देखा गया, उसके प्रमाण मिले, तो वहां से किस ओर गया, इस बात की जांच के लिए सरायकेला की टीम ने क्यों नहीं जहमत उठाई. क्यों तेंदुआ के मामले में टीम लापरवाही दिखा रही है? तेंदुआ अगर गम्हरिया पहुंच सकता है, तो जमशेदपुर क्यों नहीं आ सकता है. कैंपस बूम इस बात को प्रमाणित नहीं करता है कि तेंदुआ जमशेदपुर में देखा गया है, लेकिन अगर वीडियो है, उसमें तेंदुआ दिख रहा है, तो वह क्या है? अगल वीडियो किसी और जगह का है, तो झूठ बोलने वाले गार्ड के ऊपर क्या कार्रवाई होगी?
