Campus Boom.
नवविवाहिता
नवविवाहित मैं, दिल में हज़ारों अरमान,
छोड़ आई मायका, सजे नए संसार के साथ।
माँ की ममता, पिता का आशीर्वाद,
सब छोड़ कर आई, तुम्हारे नाम की सौगात।
सपनों के घर में रखे कदम मैंने,
अपने अस्तित्व को तुम्हारे संग जोड़ लिया मैंने।
अपने सपनों को संजोया, तुम्हारे सपनों के साथ,
त्याग की मूरत बनी, बंधी मैं जीवन के इस नए हाथ।
नए रिश्तों का बोझ, संभाला हृदय से,
हर दिन खुद को तराशा नए संघर्षों के प्याले से।
मुस्कान में छिपा लिया हर दर्द को,
तुम्हारी खुशियों के खातिर, मिटा दिया हर स्वार्थ को।
मेरा हर कदम त्याग की राह पर चला,
तुम्हारे लिए जीवन का हर पल समर्पित किया।
यह त्याग मेरा नहीं, प्रेम की मिसाल है,
तुम्हारे संग हर खुशी में छुपा मेरा हाल है।
त्याग के रंगों में सजी यह दुल्हन,
हर आह्वान में बस तुम्हारे संग बढ़े कदम।
प्यार और त्याग का यह रिश्ता अटूट रहे,
सपनों की इस राह में साथ हमारा अनमोल रहे।
लेखिका- पूजा कुमारी, शिक्षिका, आसनसोल, पश्चिम बंगाल.

