Campus Boom.
झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट शिक्षक संघ के महासचिव डॉ रामानुज पांडेय ने बयान जारी कर वित्त रहित शिक्षा मोर्चा द्वारा दिए गए बयान विरोध करते हुए गलत बताया है. मालूम हो कि वित्त रहित शिक्षा मोर्चा द्वारा यह बयान जारी किया गया है कि अगर अंगीभूत महाविद्यालय में नामांकन होता है, तो उसका विरोध करेंगे. डॉ रामानुज पांडेय ने कहा कि यह बयान हास्यास्पद है, क्योंकि लोक कल्याणकारी राज्य में छात्रों को शिक्षा देना राज्य सरकार की जिम्मेवारी है. वह कैसे शिक्षा देगी यह उसकी नीति पर निर्भर करता है. नई शिक्षा नीति में अंगीभूत महाविद्यालय में इंटर शिक्षा को अलग करने के लिए कहा है बंद करने के लिए नहीं.
डॉ रामानुज ने यह भी कहा है कि अभी तक डिग्री से इंटर का प्रभाजन नहीं हुआ है. तीसरा राज्य सरकार की नीति है कि धीरे-धीरे क्रमशः सीटों को कम करते हुए बंद करना है. अब भी झारखंड के कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां वित्त रहित कॉलेज हैं न स्कूल है अगर छात्राओं को जो एसटी,एससी हैं उनको पढ़ने के लिए दूर जाना पड़ेगा. साथ ही शिक्षा व्यवस्था से अलग हो जाना पड़ेगा. क्योंकि फीस वहां ज्यादा लगेगा झारखंड जैसे गरीब राज्यों में जब तक सारे जगह संसाधन नहीं हो जाते बंद करना छात्र समाज के लिए हानिकारक होगा.
अंगीभूत कॉलेजों में सस्ती पढ़ाई होती है ऐसे में इंटर बंद होने से गरीब बच्चों की पढ़ाई छूट जाएगी. यह सरकार की नीति की सभी पढ़े, इससे वह विमुख हो जाएंगे. अतः मोर्चा द्वारा यह कथन अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए कहा गया है. छात्र एवं जनता के लिए नहीं. डॉ रामानुज ने अपने बयान के माध्यम से मंत्री आग्रह किया है कि वित्त रहित शिक्षा मोर्चा द्वारा जारी वक्तव्य पर ध्यान न दें और राज्य सरकार की नीति का, सर्वजन पढ़ें उस पर ध्यान दें और कैसे सुलभ शिक्षा दिया जा सकता है, इस पर ध्यान दिया जाए.