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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी समेत झारखंड के छह विश्वविद्यालय और देश भर की 89 शैक्षणिक संस्थानों को शोकॉज नोटिस जारी किया है. इसमें देश की नामी और प्रसिद्ध मेडिकल, इंजीनियरिंग, प्रबंधन के विवि और महाविद्यालय, संस्थानों का भी नाम शामिल है. यूजीसी ने यह नोटिस एंटी रैगिंग मामले को लेकर किया है. दरअसल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के संज्ञान में आया है कि यूजीसी द्वारा जारी कई परामर्शों, एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन से अनुवर्ती कॉल और एंटी-रैगिंग निगरानी एजेंसी के प्रत्यक्ष हस्तक्षेप के बावजूद, निम्नांकित शैक्षणिक संस्थान छात्रों द्वारा अनिवार्य एंटी-रैगिंग अंडरटेकिंग और अनुपालन अंडरटेकिंग प्रस्तुत करने में विफल रहा है। आयोग ने पाया है कि कई संस्थान छात्रों से एंटी-रैगिंग अंडरटेकिंग (undertaking) लेने में लापरवाही बरत रहे हैं, जो नियमों का सीधा उल्लंघन है. यूजीसी की ओर से यह नोटिस 9 जुलाई 2025 को जारी की गई है.
यूजीसी ने जारी शोकॉज में लिखा है कि, जैसा कि आप जानते हैं, सभी उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईएल) के लिए यूजीसी रैगिंग विनियमन, 2009 का पालन अनिवार्य है. इसका पालन न करना न केवल यूजीसी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है, बल्कि छात्रों की सुरक्षा से भी समझौता करता है, विशेष रूप से रैगिंग से संबंधित संकट और परिसर में शत्रुता की बढ़ती चिंताओं के मद्देनजर और भी गंभीर है.
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झारखंड के इन संस्थानों को मिला नोटिस
- जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी, सिदगोड़ा, जमशेदपुर
- सोना देवी यूनिवर्सिटी, घाटशिला, पूर्वी सिंहभूम
- निलांबर पितांबर यूनिवर्सिटी, पलामू
- राधा गोविंद विश्वविद्यालय, रामगढ़
- बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची
- झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, रांची
देश के कुछ प्रमुख संस्थानों के नाम
यूजीसी की डिफॉल्टर लिस्ट में 4 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs) और 3 भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIMs) समेत AIIMS, NID जैसे देश के प्रतिष्ठित हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट के नाम शामिल है। यूजीसी की ओर से जरूरी एंटी-रैगिंग अनुपालन दस्तावेज (Anti-ragging Compliance Documents) सबमिट न करने के लिए भारत के 89 संस्थानों को कारण बताओ नोटिस भेजा है.
यूजीसी की ओर से जारी डिफॉल्टर लिस्ट में आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी हैदराबाद और आईआईटी पालक्काड़ जैसे नाम शामिल हैं. वहीं, आईआईएम बॉम्बे, आईआईएम रोहतक और आईआईएम तिरुचिरापल्ली को भी रूल्स फॉलो न करने के चलते नोटिस जारी किया गया है.
इस लिस्ट में नालंदा यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU), इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU), इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट कोलकाता और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER), हैदराबाद जैसे संस्थान भी शामिल हैं.
तत्काल कार्रवाई आवश्यक:
यूजीसी ने नोटिस के माध्यम से इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. यूजीसी ने कहा है कि
- इस सूचना की तिथि से 30 दिनों के भीतर अपने संस्थान द्वारा एंटी-रैगिंग अनुपालन प्रस्तुत करें और सभी छात्रों से ऑनलाइन अंडरटेकिंग प्राप्त करें.
- अपने परिसर में रैगिंग रोकने के लिए अपनाए गए उपायों पर एक व्यापक रिपोर्ट प्रदान करें.
- निर्धारित समय-सीमा के भीतर अनुपालन न करने पर नियामक कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं, लेकिन इन्हीं तक सीमित नहीं.
मान्यता और संबद्धता वापस लेने तक की हो सकती है कार्रवाई
आयोग ने लिखा है कि अगर समय पर इस दिशा में पहल नहीं की गई, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसमें यूजीसी अनुदान और वित्त पोषण वापस लेना, जिससे वित्तीय सहायता और शोध परियोजनाओं पर असर पड़ेगा। गैर-अनुपालन का सार्वजनिक प्रकटीकरण, आपके संस्थान को यूजीसी वेबसाइट पर गैर-अनुपालक के रूप में सूचीबद्ध करना। मान्यता रद्द करने या संबद्धता वापस लेने पर विचार, आगे की समीक्षा के अधीन होगा.
यूजीसी एक सुरक्षित और समावेशी शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। छात्र कल्याण के प्रति संस्थागत उत्तरदायित्व को बनाए रखने के लिए आपका शीघ्र अनुपालन आवश्यक होगा. इस सूचना को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए.