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शहर के रेड क्रॉस भवन सभागार में आज एक विशेष साहित्यिक माहौल देखने को मिला, जब बाल कवियों द्वारा लिखित कविता संग्रह “उड़ान” का भव्य विमोचन किया गया. इस अनोखी पुस्तक में शहर के कुल 58 बच्चों की रचनात्मक अभिव्यक्ति को एक सूत्र में पिरोया गया है.
“उड़ान” केवल एक किताब नहीं, बल्कि बच्चों की कल्पनाओं और संवेदनाओं का सुंदर संग्रह है. इसमें प्रकृति की सुंदरता, मां की ममता, पिता के संघर्ष, बहन के स्नेह से लेकर आतंकवाद, सामाजिक मुद्दों और राजनीति जैसे गंभीर विषयों पर भी बच्चों ने अपनी सोच को शब्दों में ढाला है. इस संग्रह की खासियत यह है कि हर कविता अपने आप में एक अलग दृष्टिकोण और अनुभव को दर्शाती है, जो बच्चों की परिपक्व सोच को उजागर करती है.
इस पुस्तक की परिकल्पना और संयोजन शहर के पत्रकार विकास श्रीवास्तव ने किया है. उन्होंने इन 58 बाल कवियों की रचनाओं को एक धागे में पिरोकर “उड़ान” के रूप में प्रस्तुत किया. उनके इस प्रयास ने न केवल बच्चों की प्रतिभा को सामने लाया है, बल्कि शहर के साहित्यिक वातावरण को भी नई दिशा दी है.
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अतिथियों ने बाल कवियों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि “उड़ान” आने वाले समय में बच्चों को साहित्य से जुड़ने की प्रेरणा देगी. यह पुस्तक साबित करती है कि अगर सही मार्गदर्शन मिले तो छोटी उम्र में भी बड़ी बातें कही जा सकती हैं.
“उड़ान” सचमुच नई पीढ़ी की सोच और संवेदना को पंख देने वाली एक प्रेरक पहल है.
पुस्तक का विमोचन कोऑपरेटिव कॉलेज के प्राचार्य डॉ अमर सिंह, शैलेंद्र अस्थाना, ज्योत्सना अस्थाना, प्रभा जायसवाल, विपिन शर्मा, अवधेश सिंह, सज्जन अग्रवाल, आनंद कुमार, पुस्तक के संपादन सहयोगी साहित्यकार वरुण प्रभात, अजय मुस्कान ने किया. अतिथियों ने कहा कि बाल कथाएं और कविताएं बहुत लिखी गयी हैं. लेकिन जमशेदपुर में बच्चों द्वारा लिखी गयी कविताओं का प्रकाशन कम हुआ. अब यह परंपरा आगे बढ़ेगी. कार्यक्रम का संचालन साहिल अस्थाना ने किया. मौके पर उदय नारायण श्रीवास्तव, प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजीव भारद्वाज, जिला पार्षद उपाध्यक्ष पंकज, राजकुमार सिंह, राजीव दुबे व अन्य मौजूद रहे.
रेड क्रॉस के स्टेट चेयरमैन विजय सिंह, पूरबी घोष, प्रिंसिपल निधि श्रीवास्तव, प्रिंसिपल अनामिका श्रीवास्तव, राजीव दुबे, डॉ दिपंजय श्रीवास्तव, डॉ राजीव, राजीव सिंह जी, डॉ अशोक कुमार रवानी, डॉ संजीव श्रीवास्तव, अधिवक्ता राकेश सिन्हा, दीपक श्रीवास्तव, शिक्षक अरविंद तिवारी, अप्पू तिवारी, पप्पू राव, मनोज सिंह, रजनीश प्रसाद, निखिल सिन्हा, आकाश कुमार, कुणाल कुमार, मनमोहन अन्य तमाम लोगों का आभार जो आज इस क्षण का गवाह और सहयोगी सहयोगी बने.




