Campus Boom.
किसी भी पत्रकार और मीडिया हाउस का एक ही लक्ष्य होता है समाज और आसपास की सूचना और समाचार के साथ समाज के उन वर्गों की आवाज भी बने जिनकी चीख भी जिम्मेदार लोगों तक नहीं पहुंचती है. इस जवाबदेही में जब किसी खबर पर असर हो और बदलाव हो जाए तो वही सार्थक पत्रकारिता है. Campus Boom जैसे एक बेहद नूतन और एक छोटे पोर्टल की खबर पर जब सरकार और जिम्मेदार अधिकारी ऐसे गांव जाने को मजबूर हो गए जिस गांव में मुखिया तक नहीं जाती थी अब वहां न केवल अधिकारी पहुंचे बल्कि अगले 10 जून को पूरा सरकारी महकमा ही गांव में कैंप लगा कर समस्याओं का समाधान करेगा. ऐसी खबर पत्रकारिता और लोकतंत्र की जीत है. सरकार ने ये सिद्ध किया कि लोकतंत्र में हर एक आवाज और हर व्यक्ति की अहमियत को वो समझते हैं.
ये है मामला :
मालूम हो कि पूर्वी सिंहभूम के पोटका प्रखंड स्थित नारदा पंचायत के कोराड़कोचा गांव की बदहाल स्थिति पर campus boom में 31 मई को “विकास से कोसों दूर झारखंड का यह गांव, न सड़क, न पानी, न स्कूल, न स्वास्थ्य सुविधा, नून भात और कंदमूल ही है आहार” शीर्षक से खबर प्रकाशित की गई थी. खबर प्रकाशित होते ही सरकार और प्रशासनिक महकमा हरकत में आया. स्वयं मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया और 2 जून को स्थानीय बीडीओ पूरी टीम के साथ गांव पहुँच गए. बीडीओ ने प्रकाशित खबर को सत्य पाया और गांव से संबंधित पूरी रिपोर्ट जिला प्रशासन और सरकार को भेजा. रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने गांव में कैंप लगा कर सभी तरह के समस्या के समाधान के निपटारा के लिए कैंप लगाने का निर्देश दिया. उसी के आधार पर 10 जून को गांव में कैंप लगेगा.
कैंप में तमाम समस्या का होगा समाधान
कैंप में प्रशासन की ओर से तमाम विभाग से संबंधित समस्याओं के समाधान करते हुए कामों का निपटारा किया जाएगा. इसमें आधार कार्ड, सामाजिक सुरक्षा, कल्याण, आपूर्ति विभाग, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल विकास, पेयजल, बिजली, जेएससीपीएल, निर्वाचन और राजस्व विभाग का कैंप लगाया जाएगा. अधिकारी और कर्मचारी ऑन स्पॉट सभी काम का निपटारा करेंगे.
सोनामनी को कैंपस ने दिलाया न्याय
2 जून को “सोनामुनी जिसे डराती है सूर्य की रोशनी, अंधेरे में ही रहने को मजबूर है सबर परिवार की यह पांच वर्षीय बच्ची” शीर्षक से खबर प्रकाशित की गई थी. इस खबर पर भी झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने संज्ञान लेते हुए पूर्वी सिंहभूम को तत्काल स्थिति का जायजा लेने और कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया था. दो जून को पोटका प्रखंड के बीडीओ अरुण कुमार मुंडा, सीओ निकिता बाला और शिक्षा, जल व स्वास्थ्य विभाग की टीम कैंपस बूम में ही प्रकाशित खबर पर कोराड़कोचा गांव पहुंची थी. बीडीओ और उनका पूरा अमला गांव में तकरीबन तीन से चार घंटे रहा और ग्रामीणों से उनकी एक एक समस्या पर बात किया था.
सोनामुनी सबर का सदर अस्पताल में चल रहा इलाज
सोनामनी सबर का 2 जून से लगातारा इलाज चल रहा है. जांच में उसको आँख और स्कीन (चर्म रोग) की बीमारी का पता चला है. सोनामनी का इलाज अभी सदर अस्पताल में चल रहा है.
इन दोनों खबरों पर भाजपा नेता अंकित आनंद, महानगर के पूर्व जिला अध्यक्ष दिनेश कुमार ने समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से हस्तक्षेप का आग्रह किया था. इसके साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर बाईकर गर्ल के नाम से प्रख्यात कोल्हान की बेटी कंचन उगुरसुंडि ने भी मामले में ट्वीट करते हुए सरकार और जमशेदपुर प्रशासन का ध्यान खींचा था. सामाजिक कार्यकर्ता सूरज मुर्मू ने भी इसके संबंध में ट्वीट किया जिसपर झामुमो प्रवक्ता कुणाल सारंगी, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के हस्तक्षेप के बाद मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री इरफ़ान अंसारी तक पहुंचा तो सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ने पूर्वी सिंहभूम के जिला उपायुक्त और सिविल सर्जन को समुचित इलाज के आशय में निर्देशित किया था. इसके अलावे फेसबुक वीडियो को भी एक दर्जन से ज्यादा लोगों द्वारा शेयर किया गया था.