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झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से घोड़ाबांधा स्थित उनके आवासीय कार्यालय में मिला. प्रतिनिधि मंडल में शामिल शिक्षक नवनीत सिंह और राजीव दूबे ने मंत्री के समक्ष समायोजन और अंगीभूत महाविद्यालयों के इंटरमीडिएट में दाखिला जारी रखने की मांगों को रखा. मालूम हो कि इस मांग को लेकर प्रतिनिधि मंडल मंत्री से कई बार मिल चुका है. मंत्री रामदास सोरेन ने सकारात्मक आश्वासन देते हुए कहा कि उनकी सरकार इस मसले को लेकर गंभीर है. समायोजन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह पॉलिसी मैटर है, सरकार किसी भी शिक्षक को बेरोजगार होने नहीं देगी, किस तरह समायोजन करना है इस पर उच्च स्तरीय विचार चल रहा है.
इस सत्र के लिए जारी रहेगा दाखिला
बोर्ड रिजल्ट निकलने को, लेकिन इंटर में दाखिला को लेकर अब भी संशय बरकरार, क्या कर रही है सरकार!
अंगीभूत कॉलेजों के इंटर में इस सत्र के लिए दाखिला को लेकर मंत्री ने साफ किया कि जो पूर्व में अधिसूचना जारी किया गया है, वह लागू रहेगी. दाखिला को लेकर फ्रेश नॉटिफिकेशन बोर्ड परिणाम जारी होने के पूर्व या उसके एक दो दिनों में जारी करने की बात मंत्री ने कही है. सीटों की संख्या घटाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी कि सीटों की संख्या पिछले वर्ष की तरह बरकरार रहे.
ये है मामला
मालूम हो कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत झारखंड के सभी विवि के अंगीभूत महाविद्यालयों से इंटरमीडिएट की पढ़ाई को बंद करने का आदेश वर्ष 2022 में ही जारी कर दिया गया था. चुकी प्रदेश में इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए पर्याप्त आधारभूत संरचना की कमी का हवाला देते हुए, कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की अधिसूचना जारी की गई थी. वर्ष 2023 में मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन ने खुद ही पहल करते हुए अधिसूचना जारी करते हुए तीन चरणों में दाखिला को जारी रखते हुए इंटरमीडिएट को बंद करने की कही थी. लेकिन इसमें सबसे बड़ा मुद्दा था कि अगर इंटरमीडिएट की पढ़ाई कॉलेजों में बंद हो जाएगी, तो वहां पढ़ा रहे शिक्षक और कर्मचारी कहा जाएंगे. वर्ष 2023 से शिक्षक और कर्मचारी अपने अपने स्तर से समायोजन की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. शिक्षकों की मांग है कि सरकार उनके जीविकोपार्जन का आधार न छीने, वर्षों शिक्षा देने का काम किया, इसलिए सरकार उन्हें कॉलेज या प्लस टू स्कूलों में समायोजित करें.
सरकार के सकारात्मक रुख पर शिक्षकों को है भरोसा
बेरोजगारी के डर के साये में शिक्षण कार्य कर रहे शिक्षकों को झारखंड सरकार पर भरोसा हैं. शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल का कहना है कि शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन हो और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर उन्हें भरोसा है. उन्हें यह भरोसा है कि सरकार उन्हें बेरोजगार नहीं होने देगी और समायोजन करने पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा.