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पर्यावरण दिवस के मौके पर सामाजिक संस्था आदर्श सेवा संस्थान की ओर से जमशेदपुर के बर्मामाइंस दास बस्ती में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का थी. कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर महिला कल्याण समिति की सचिव अंजली बोस, संयुक्त सचिव सुस्मिता बासू, आर्दश सेवा संस्थान से लखी दास, पत्रकार विकास श्रीवास्तव मौजूद थे. कार्यक्रम में बर्मामाइंस व आसपास की बस्तियों में रहने वाली महिलाएं और बच्चे मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान वायु प्रदूषण को लेकर जागरूकता अभियान से जुड़े वायु वीरों न जहां नुक्कड़ नाटक के माध्यम से प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को प्रदर्शित किया.
कार्यक्रम के पूर्व दर्जनों बच्चों ने पर्यावरण दिवस पर आधारित चित्रकारी और स्लोगन तैयार किया था. बच्चों ने अपनी कलात्मकता के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. अतिथियों ने पर्यावरण दिवस मनाने की वजह और उसके महत्व पर प्रकाश डाला. चित्रकारी और स्लोगन प्रतियोगिता के निर्णायक पत्रकार श्रीवास्तव ने सभी मापदंडों के आधार पर विजेताओं के नामों की घोषणा. जिसके आधार पर अतिथियों ने विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार प्रदान किया. मौके पर सभी ने यह संकल्प लिया किया वे पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करेंगे और प्लास्टिक का कम कम इस्तेमाल करेंगे साथ ही उसे जलावन में उपयोग नहीं करेंगे.
बिट प्लास्टिक (प्लास्टिक को मात देंगे) थीम पर नुक्कड़ की प्रस्तुति
कार्यक्रम का आयोजन जीरो प्लास्टिक पर आधारित था, जो इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के थीम बिट प्लास्टिक पर संकल्पित है. वायु वीरों (वायु प्रदर्शन के प्रति जागरूक करने वाली युवाओं की टीम) ने एक नुक्कड़ नाटक से प्लास्टिक कचरे और उसके जलावन के दुष्प्रभाव को प्रदर्शित करने का प्रयास किया.
वायु वीरों ने एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) मशीन के माध्यम से एक प्लास्टिक रैपर को जला कर लाइव डेमो दिया, कि एक प्लास्टिक के छोटे से पैकेट को जलाने से एक्यूआई लेवल से 123 (उस दौरान उस जगह की माप) से 2500 के ऊपर पहुंच गया. मालूम हो कि 123 एक्यूआई भी अच्छे स्तर का वायु, जो सामान्य से खराब है, लेकिन उसका प्रभाव लंबे समय बाद शरीर पर पड़ता है. लेकिन 2500 एक्यूआई जो महज एक चीप्स के छोटे के जलाने से उत्पन्न हुआ था.
इस तरह का प्रदूषित हवा शरीर के फेफड़े, आंख व अन्य हिस्से को को तत्काल प्रभावित करना शुरू कर देता है. व्यक्ति बहुत जल्द टीबी और कैंसर जैसी भयानक बीमारी से ग्रसित हो सकता है. चुकी कार्यक्रम में ऐसे परिवार के सदस्य मौजूद थे. जहां खाना पकाने के आज भी लकड़ी और कोयले का ही उपयोग हो रहा है. लकड़ी और कोयला में आग जल्दी पकड़े इसके लिए सबसे आसान और सस्ता उपलब्ध प्लास्टिक ही होता है. इसलिए महिलाएं इसे खुद इस्तेमाल करती हैं और हर दिन वह अपने अंदर एक बीमारी को प्रवेश करा रही है.
ये बने विजेता
द्वितीय – संजना
तृतीय – सोहन दास
चतुर्थ – अंजली
चित्रांकन
प्रथम – संगीता शर्मा
द्वितीय – सोम कंसारी
तृतीय – अंकिता
चतुर्थ – सीमा गोप
पंचम – परी