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झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संविदा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार पाण्डेय ने एक बयान जारी कर कहा है कि कोल्हान विश्वविद्यालय के मनमानी ने चार शिक्षक और उसके परिवार की रोजी-रोटी और प्रतिष्ठा छीन लिया।
पाण्डेय ने कहा कि कोल्हान विश्वविद्यालय के अंतर्गत इतिहास विषय में कार्यरत चार संविदा नीड बेस्ड शिक्षक, डॉ मीरा कुमारी, डॉ कंचन सिन्हा, डॉ गोपीनाथ पाण्डेय और भुवन भास्कर की सेवा यह कहकर स्थगित कर दी थी कि कोल्हान विश्वविद्यालय में 17 नियमित शिक्षकों की नियुक्ति जेपीएससी से हो गई है इसलिए स्वीकृत पद से ज्यादा हो रहे चार नीड बेस्ड शिक्षकों की सेवा स्थगित की जाती है।
राकेश पाण्डेय ने कहा कि जेपीएससी द्वारा नियुक्त किए गए 17 में से 13 नियमित शिक्षक ही कोल्हान विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में योगदान दिए हैं शेष 4 सीट अभी भी खाली है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जब चार स्वीकृत पद नियुक्ति के 14 महिने बाद भी खाली है तो ऐसे में छः साल पढ़ा चुके अनुभवी उन नीड बेस्ड शिक्षकों की सेवा पुनः चालू क्यों नहीं किया जाता? कई कॉलेजों में इतिहास विषय में शिक्षक नहीं हैं ऐसे में शिक्षकों को जानबूझकर तत्कालीन विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा हटाकर न सिर्फ उन चार शिक्षकों और उनके परिवार पर मानसिक और आर्थिक अत्याचार किया गया बल्कि हजारों छात्रों को भी शिक्षा उपलब्ध नहीं कराने का कार्य तत्कालीन विश्वविद्यालय प्रशासन ने किया है।
राकेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि जल्द हीं संघ का एक प्रतिनिधिमंडल विश्वविद्यालय के माननीयां कुलपति महोदया से मिलकर सेवा से रोक(स्थगित) दिए गए चार शिक्षकों डॉ. मीरा कुमारी, डॉ. कंचन सिन्हा, डॉ. गोपीनाथ पाण्डेय और भुवन भास्कर की सेवा चालू करने का आग्रह करेगी।