– रंग कार्यशाला के दूसरे दिन बच्चों ने सीखे शब्दों का उच्चारण, संवाद शैली, मनोभाव और नाटक का पाठ
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भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) द्वारा रेखा जैन जन्मशती समारोह के अंतर्गत सात दिवसीय बाल रंग कार्यशाला का आयोजन धातकीडीह स्थित मुखी बस्ती सामुदायिक भवन में 2 जून से 8 जून तक किया जा रहा है। 1924 में आगरा में जन्मी रेखा जैन आज़ादी के आंदोलन के समय इप्टा के सेंट्रल ट्रूप से जुड़ी, वहीं उन्होंने आगे चलकर बाल रंगमंच को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय कार्य किया। रेखा जैन ने 40 बाल नाटक लिखे जो वर्तमान समय में भी बच्चों के रंगमंच के लिए अनमोल धरोहर है। रेखा जैन जन्मशती समारोह के तहत जमशेदपुर में आयोजित हो रही बाल रंग कार्यशाला में जेएनयू इप्टा के क्षितिज प्रशिक्षक की भूमिका में है। कार्यशाला में लिटिल इप्टा, झाबरी बस्ती और गोमहेड़ संस्था के 31 बच्चे प्रशिक्षण ले रहे है।
कार्यशाला के दूसरे दिन बच्चों ने शब्दों का उच्चारण, संवाद शैली, मनोभाव और नाटक के कथानक का पाठ प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में किया। बाल रंग कार्यशाला में भाग लेकर बच्चों के व्यक्तित्व, चेतना और स्टोरी टेलिंग के तरीके में काफी परिवर्तन आता है। कार्यशाला में भाग ले रही बाल कलाकार वर्षा ने बताया कि कार्यशाला के दौरान एक्सरसाइज, एकाग्रता बढ़ाने वाले कई खेल, दिए गए घटनाक्रमों का अभिनय करना व दोस्तो के साथ गतिविधियां में शामिल होना काफी रोचक लग रहा है। वही बाल कलाकार दिव्या ने बताया कि बिना कुछ बोले अभिनय करने का अभ्यास, सामूहिक खेल और गीत गाना अच्छा लग रहा है।
कार्यशाला में गोमहेड अखड़ा के रामचंद्र मार्डी व उर्मिला हांसदा, इप्टा से श्वेता, अंजना, शशि कुमार, परवेज़, संतोष व अन्य महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। कार्यशाला स्थल पर लगी “रेखा जैन – एक सदी” प्रदर्शनी भी मुख्य आकर्षण का केंद्र है, जिसमें रेखा जैन के योगदानों को प्रमुखता से दर्शाया गया हैं। कार्यशाला का समापन 9 जून की शाम ट्राइबल कल्चर सेंटर के एम्फीथिएटर में कार्यशाला में भाग ले रहे बच्चों के द्वारा नाट्य प्रस्तुति की जाएगी।