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भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) द्वारा रेखा जैन जन्मशती समारोह के अवसर पर जमशेदपुर में चल रहे सात दिवसीय बाल रंग कार्यक्रम का समापन सोनारी स्थित ट्राइबल कल्चर सेंटर के एम्फीथिएटर में बच्चों के रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ। समापन कार्यक्रम धरती आबा बिरसा मुंडा के 125वे शहादत दिवस के मौके पर भगवान बिरसा मुंडा के उलगुलान को समर्पित था। कार्यक्रम की शुरुआत में बच्चों ने पाश की क्रांतिकारी कविता “हम लड़ेंगे साथी” की लयबद्ध प्रस्तुति की। इसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ी व संथाली लोकगीत सुनाकर दर्शकों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बाल कलाकार श्रवण, सुजल, कार्तिक, राहुल, अभिनव, अभिषेक नाग, वर्षा, दिव्या, अनुराधा, सांखी, महिमा, रिंशी, तनवी, काव्या, आराध्या, साहिल, अमन, राजदीप व अन्य से सजी बाल टोली के द्वारा रेखा जैन की बाल नाटक “पुस्तक राज” और सर्वेश्वर दयाल सक्सेना का बाल नाटक “लाख की नाक” की अदभुत प्रस्तुति रही।
बाल नाटक “पुस्तक राज” अपनी रोचक कहानी से बच्चों को किताबों और कहानियों के साम्राज्य, अनोखी दुनिया से रूबरू करवाता है, उन्हें किताबों व कहानियों से दोस्ती करने की सीख देता है। वही नाटक सहानुभूति, करुणा, ईमानदारी, न्याय जैसे मानवीय मूल्यों के साथ साथ दूसरों के प्रति सम्मान और प्रेम की भावना विकसित करने की भी सीख देता है। वही बाल नाटक “लाख की नाक” अपने चुटिले अंदाज में देश दुनिया में फैले भ्रष्टाचार का स्याह चेहरा दिखला जाता है। कहानी में राज्य के भ्रष्ट अधिकारी और मंत्री अपने स्वार्थ के चलते देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करते हैं। जिसके कारण ईमानदारी से काम करने वाले लोगों को काफी उत्पीड़न झेलना पड़ता है। युद्ध में हार होने के बाद अंततः व्यवस्था की नींद टूटती है, और फिर व्यवस्था का पुनर्निमाण किया जाता है।
दोनों ही बाल नाटकों ने दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ साथ उनके मन मस्तिष्क को झकझोर कर रख दिया। महज सात दिनों के अभ्यास के बाद बच्चों की शानदार नाट्य प्रस्तुति की तारीफ करते कोई नहीं थक रहा था। कार्यक्रम के दौरान पटना से आए इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव तनवीर अख़्तर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अभी समूची दुनिया युद्ध के ज्वालामुखी पर खड़ी है, विनाश के हथियारों पर अकूत धन दौलत लुटाया जा रहा है, वही युद्ध के माहौल में लाखों बच्चे भूख और कुपोषण के शिकार हो चुके है। समूचे दुनिया में चल रहे मौत के तांडव को रोक रचनात्मकता की लहर बहाने की आवश्यकता है। विनाश के हथियारों पर होने वाले खर्च का इस्तेमाल बच्चों के भोजन, स्कूल, अस्पताल और मानवीय कार्य करने पर किया जाना चाहिए।
मौके पर झारखंड इप्टा के अध्यक्ष उपेन्द्र कुमार, महासचिव अर्पिता, इप्टा जेएनयू के प्रशिक्षक क्षितिज, संतोष, गोमहेड के रामचंद्र मार्डी, उर्मिला, प्रदीप, सोलोमन, अंजना, श्वेता, जमशेदपुर इप्टा से जुड़े साथी, बच्चों के अभिभावक, सांस्कृतिक सामाजिक कार्यकर्ता व गणमान्य व्यक्तित्व मुख्य रूप से मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन अहमद बद्र जी ने किया, वही बाल कलाकार वर्षा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।