Campus Boom.
झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के लिए मंगलवार को भागने जैसी नौबत आ गई जब उन्हें इंटरमीडिएट 12वीं की छात्राओं ने घेर लिया और सवालों का बौछार कर दिया. स्थिति ऐसी कि राज्य के शिक्षा मंत्री के पास छात्राओं के किसी सवाल का सटीक जवाब नहीं था. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट छात्राएं लगातार पूछती रहीं कि उनके भविष्य का क्या होगा. मंत्रीजी बस एक ही जवाब देते रहे, सब हो गया है चिंता करने वाली बात नहीं है. अंत में स्थिति ऐसी हुई कि मंत्री के चालक ने गाड़ी को आगे बढ़ा लिया और उसके बाद छात्राएं खुद खिसक गई और गिरते गिरते बची. अंगरक्षकों के साथ धक्का मुक्की जैसी स्थिति हो गई. छात्राओं का यह कहना पड़ा कि यह हमारे शिक्षा मंत्री हैं इन्हें तो जवाब देना ही पड़ेगा. लेकिन अफसोस कॉलेज विहीन हो चुके 12वीं के विद्यार्थियों को कोई उचित जवाब नहीं मिला. छात्राओं के सवालों का जवाब मंत्रीजी नहीं दे पाए और उन्हें वहां से भागना पड़ा.
मामला जमशेदपुर के बिस्टुपुर स्थित माइकल जॉन प्रेक्षागृह का है. शिक्षा मंत्री यहां जिला प्रशासन द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर सम्मलित होने पहुंचे थे. कार्यक्रम से वे जैसे बाहर निकले मुख्य दरवाजे पर पहले से ही दो दर्जन से भी ज्यादा छात्राएं मौजूद थी. ये इंटरमीडिएट के वैसे विद्यार्थी हैं जो 12वीं में अध्ययनरत थे, और वर्तमान में अंगीभूत कॉलेजों से इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद से भविष्य को लेकर चिंतित है. छात्राओं ने मंत्री के बाहर निकलते ही प्रेक्षागृह के मुख्य दरवाजे पर ही रोक लिया और दनादन सवाल पूछने लगी. छात्राओं ने कहा कि उनकी मात्र छह माह की पढ़ाई बची है. ऐसे में 12वीं की पढ़ाई कॉलेज से क्यों बंद किया गया? उन्हें किस स्कूल में समायोजित किया जा रहा है, इसका कुछ पता नहीं चल रहा है, कॉलेज में कुछ पूछने से कहा जाता है कि वे अब कॉलेज की स्टूडेंट नहीं रही. शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन आगे बढ़ते हुए एक छात्रा के सिर पर हाथ रखते हुए कहते हैं कि क्यों चिंता करती हो, सब हो रहा है. लेकिन छात्राएं संतोषजनक जवाब की अपेक्षा कर रही थी और उन्हें फिर से उनके कार के पास रोक लिया और छात्राएं एक के बाद एक सवाल पूछती रही, लेकिन मंत्री जी कोई जवाब नहीं दे पाए. अंत में उनके चालक ने हल्की से गाड़ी को आगे बढ़ा लिया और छात्राएं खुद ही सरक गई, मंत्री के पीए को गाड़ी में भाग कर बैठना पड़ा.
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छात्राओं के सवाल और शिक्षा मंत्री के जवाब
छात्रा – 6 महीने का सत्र बाकी है, कृपया हमारे भविष्य को देखते हुए , हमें दूसरी जगह स्थानांतरण न किया जाए
शिक्षा मंत्री – तुमलोग चिंता मत करो हमलोग सब कर दिए है सब अच्छा होगा
छात्रा – सर हमलोगों का समायोजन से शैक्षणिक और सर्टिफिकेट इत्यादि से जुड़े बहुत परेशानी होगी ,आप बात ही नहीं सुन रहे है हमलोगों का
शिक्षा मंत्री – तुम चिंता मत करो राज्य सरकार सब ठीक कर देगी।
छात्रा – राजभवन से राज्य सरकार वार्ता करे और हमे 6 महीने का एक्सटेंशन दिलवाए, उसके बाद हमलोग खुद कॉलेज से निकल जाएंगे, 45 दिन से पढ़ाई बंद है हमारा रिजल्ट कौन देखेगा, शिक्षा मंत्री होने के नाते आपकी जिम्मेदारी है हमे होने वाली समस्या को सुने और समाधान निकाले.
शिक्षा मंत्री – सब व्यवस्था हो गया है किसी को दिक्कत नहीं होने देंगे.
48 घंटे में समस्या का समाधन हो, नहीं तो उग्र आंदोलन होगा : हेमंत पाठक
युवा जदयू नेता हेमंत पाठक ने कहा कि सरकार तानाशाह हो गई है. बिना छात्रों को विश्वास में लिए छात्रों के लिए लिए निर्णय से छात्र असंतुष्ट है. 12वीं के छात्रों का मात्र 6 महीने बाकी है और सेलेब्स का 70 प्रतिशत पढ़ाई बाकी है. पिछले 45 दिन से पढ़ाई बाधित है राज्य सरकार और राजभवन दोनों मिलकर 50 हजार छात्रों के प्रति सहानुभूति रखते हुए 6 महीने के लिए सभी छात्रों को उन्हीं के कॉलेज में रहने दिया जाए. शिक्षा मंत्री 48 घंटे में राजभवन से समन्वय बनकर 50 छात्रों के जीवन में आ भूचाल को दूर करे, नहीं तो अब आंदोलन उग्र होगा.
इस दौरान हेमंत पाठक, साहेब बागती, जगदीप सिंह, पम्मी कुमारी, कनक महतो, मुस्कान कुमारी, सना अख्तर, खुशी शर्मा, रीमा सैंडी, राधिका कुमारी, संजना महानंद, प्रिया कुमारी, मोहित कुमार, धीरज कुमार, प्रिंस कुमार एवं सैकड़ों छात्र उपस्थित थे.