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झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संविदा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार पांडेय ने एक बयान जारी कर कहा है कि राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत आवश्यकता आधारित शिक्षकों को भी शोध कराने और एसोशिएट प्रोफेसर में प्रमोशन देने का कार्य विश्वविद्यालय और राज्य सरकार करें।
डॉ पांडेय ने कहा कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में बहुत सारे ऐसे विद्यार्थी हैं जिन्हें शोध करने के लिए गाइड नहीं मिल रहे ऐसे में विश्वविद्यालयों में कार्यरत आवश्यकता आधारित शिक्षकों को गाइड बनने की अनुमति प्रदान करना चाहिए। क्योंकि ये सारे शिक्षक यूजीसी के अहर्ताएं को पूरी करते हैं और विश्वविद्यालय/महाविद्यालय में स्वीकृत पद पर आठ वर्षों से कार्यरत हैं, तथा इनके पास शोध कराने की योग्यता भी है।
विश्वविद्यालय को चाहिए की शोध के लिए इच्छुक विद्यार्थी को गाइड नहीं मिलने के चलते शोधकार्य से वंचित न करते हुए उन्हें आवश्यकता आधारित शिक्षकों के निर्देशन में शोधकार्य करने की अनुमति और अवसर प्रदान करे। डॉ पांडेय ने यह भी कहा कि सरकार को चाहिए कि लगभग आठ वर्षों से कार्यरत आवश्यकता आधारित शिक्षकों को एसोशिएट प्रोफेसर के रुप में मान्यता देने का कार्य करें क्योंकि एसोशिएट प्रोफेसर के लिए आवश्यक मापदंड को एक लोग पूरा करते हैं। एसोशिएट प्रोफेसर में मान्यता मिलने से ए लोग विश्वविद्यालयों में एसोसिएट प्रोफेसर के लिए नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं।
डॉ राकेश पांडेय ने कहा कि संघ का एक प्रतिनिधिमंडल अगस्त महीने में विश्वविद्यालयों और सरकार से मिलकर राज्यहित और छात्र हित में अपने इन दोनों मांगों को पूरा करने के लिए मांग पत्र सौंपेंगी।