Campus Boom.
झारखंड बांग्ला भाषी उन्नयन समिति द्वारा चलाई जा रही “बांग्ला जन जागरण कर्म सूची” के तहत आज खाकड़ीपाड़ा, बारी आश्रम स्थित वीनापानी संघ” परिसर में एक जनसभा का आयोजन संघ की अध्यक्ष पद्मावती गोप की अध्यक्षता में की गई।
सभा का संचालन वीनापानी संघ के मुख्य उपदेष्ठा सुबोध चंद्र गोराई के द्वारा किया गया। सर्वप्रथम ममता प्रति की सुमधुर रविंद्र संगीत के माध्यम से सभा की प्रारंभ की गई। संघ के प्रतिष्ठताओं के महान विभूतियों के प्रतिकृतियों पर माल्यार्पण किया गया साथ ही सभी अतिथियों को माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।
अतिथियों द्वारा कहा गया कि वर्तमान परिस्थिति में बांग्ला भाषा के प्रति प्रदेश सरकार की अवहेलनापूर्ण व्यवहार के कारण एक ओर जंहा रांची विश्वविद्यालय से डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम हटाया जाना एवं बांग्ला किताब एवं शिक्षकों की मांग पर शिक्षा मंत्री के गैर जिम्मेदाराना बयान आना राज्य सरकार की बांग्ला भाषा एवं बांग्ला भाषियों के प्रति उनकी विभेदपूर्ण मंशा को ही दर्शाता है।
ऐसे में हमें दो स्तर से लड़ाई लड़ने की जरूरत है। एक स्तर से सरकार से बांग्ला भाषा को पुनर्स्थापना तथा बांग्ला भाषी मनीषियों के सम्मान की लड़ाई भाषा उन्नयन समिति द्वारा निरंतर लड़ी जा रही है वंही दूसरी ओर गांव गांव से घर घर से मिटती जा रही बांग्ला भाषा को जीवित रखने के लिए नई पीढ़ी को अपनी मातृभाषा की शिक्षा देने के लिए सब को आगे आने का आह्वान किया गया।
भाषा संग्रामी सह पोटका के पूर्व जिला पार्षद करुणामय मंडल ने कहा – “आज समय आ चुकी है इस भाषा संस्कृति एवं सम्मान की लड़ाई में सुदूर गांव के सभी गरीब, मजदूर, किसान, महिलाएं आगे आकर इस लड़ाई में सहयोग करें। मंडल ने कहा हमें ये सदैव याद रखना होगा जिनके मुंह की भाषा बांग्ला है हम सब “बंगाली” है जो झारखंड में करोड़ों की तादाद में हैं ऐसे में हमारी मातृभाषा का अपमान और बर्दास्त नहीं होगा अभी आर और पार की लड़ाई होगी। मंडल ने और कहा वर्तमान पीढ़ी के माताओं को सब से पहले बांग्ला सीखना होगा तथा उनके ही माध्यम से उनके बच्चे भी आसानी से बांग्ला सिख पाएंगे।
बांग्ला भाषा उन्नयन समिति के अमियो रंजन ओझा ने कहा, भाषा संस्कृति हमारी पहचान है इसके बिना हम मिट जायेंगे इसे हर हाल में बचाना है।
सुबोध चंद्र गोराई ने कहा कि मातृभाषा मां के दूध के समान है इसके बिना हमारी जीवन की कोई मोल नहीं है हम गांव से शहर मिल कर इस लड़ाई को लड़ेंगे और जीतेंगे।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन के साथ वीनापानी संघ के सचिव रंजित गोप द्वारा संघ की ओर से घोषणा की गई कि बांग्ला भाषा को नई पीढ़ी तक पंहुचाने के इस मुहिम में हम सब अपना योगदान देते हुए गर्मी छुट्टी के बाद से हर शनिवार एवं रविवार को हमारे स्कूल में “अपूर पाठशाला” के माध्यम से बांग्ला की पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी। शनिवार को अपने स्कूल के छात्र छात्राओं को तथा रविबार को बाहर के सभी इच्छुक विद्यार्थियों को शिक्षा दी जाएगी।
सुनील पात्र, प्रभात रंजन मुखर्जी, पुलक भट्टाचार्य, अनिमेष राय आदि ने भी सभा को संबोधित किए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से वीनापानी संघ के अध्यक्षा पद्मावती गोप, गोविंद दास, धनुर्धर दास, प्रणव मजूमदार, निधुनील दास, गौरी शंकर गोराई,प्रभाकर दास, दीपक कुमार भकत,शशधर दास, परमेश्वर दास, हरिहर दास, नंद दुलाल दास, श्रीकांत दास अन्य उपस्थित थे।