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पेंशनर समाज, साकची के सभागार में अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ दिवस के अवसर पर पेंशनर समाज के द्वारा कवि गोष्ठी आयोजित की गई। आगत अतिथियों द्वारा सर्वप्रथम विघ्नहर्ता श्री गणेश की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा व्यक्त की गई। मंच पर पेंशनर समाज के एसपी सिंह, एससी झा तथा प्रसिद्ध कवि राजदेव सिन्हा, ज्योत्सना अस्थाना आसीन हुए। आमंत्रित कवियों को पौधा देकर स्वागत किया गया। शब्द सुमनों से स्वागत एस पी सिंह ने किया।
माधवी उपाध्याय की सावनी गीत ने श्रोताओ को खूब झुमाया। युवा कवि मनीष कुमार/ निशांत कुमार सिंह ने अपनी ओज की कविता प्रस्तुत कर पुरे माहौल को ऊर्जान्वित किया, वहीं सरिता सिंह, अर्चना अरुप ठाकुर की कविताएं कई बुनियादी सवालों को छोड़कर गई, जिसने सोचने पर विवश किया कि क्या वास्तव में आजाद भारत का ख्वाब यहीं था? अनिता सिंह, एनके सिंह, विनोद बेगाना, नीलांबर चौधरी, सुष्मिता मिश्रा ने भी अपनी कविताओं के माध्यम से देश के प्रति निष्ठावान होने का अह्वान किया।
डॉ संध्या सिन्हा ने प्रेमपत्र कविता के माध्यम से किताबों की सार्थकता को बेहतरीन ढंग से चित्रित किया। राजदेव सिन्हा ने अपनी कविता के माध्यम से संबंधों की शाश्वत चेतना को साकार रुप देने और प्रकृति की कारुणिक वेदना को ध्यानगत रखने का संदेश दिया। वहीं वर्षा की भीषणता को केन्द्र में रखकर ज्योत्सना अस्थाना ने भोजपुरी गीत की प्रस्तुति दी। कवि गोष्ठी का संचालन वरुण प्रभात ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में पेंशनर समाज के सभी सदस्यों की भूमिका महत्वपूर्ण रही।