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करीम सिटी कॉलेज में सेंटर फॉर एकेडमिक डेवलपमेंट (CAD) के तत्वावधान में व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसका विषय ‘नव भू राजनीति और रोती धरती माता” था. मुख्य वक्ता के तौर पर भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष एवं सह-प्राध्यापक डॉ आले अली मौजूद रहे. कार्यक्रम में सर्वप्रथम कैड की समन्वयक डॉ संध्या सिन्हा ने स्वागत करते हुए विषय का परिचय दिया. विषय प्रवेश कराते हुए उन्होंने कहा कि आजकल के दौर में वैश्विक शक्ति संतुलन में बदलाव, क्षेत्रीय शक्तियों के उदय, और भू-राजनीतिक जोखिमों के आलोक में नव भू राजनीति पर चर्चा करना समय की मांग है. आज, अंतर्राष्ट्रीय सम्बंधों में नए सिद्धांतों और समीकरण बन रहे हैं. सोवियत विघटन के बाद आज चीन और अमेरिका के असंतुलित सम्बन्ध के साथ कोविड-19 से वैश्विक स्तर कई नई प्रवृतियां आईं. इतने में ही पहलगाम जैसी घटना ऐसे विषय पर चर्चा करने की मांग करती हैं.
कार्यक्रम में के मुख्य वक्ता डॉ आले अली ने बताया कि “नव भू-राजनीति” एक जटिल और गतिशील विषय क्षेत्र है जो वैश्विक शक्ति संतुलन में बदलाव, क्षेत्रीय शक्तियों के उदय, और भू-राजनीतिक जोखिमों का वर्णन करता है. भारत जैसे उभरते देशों की भूमिका और वैश्विक परिदृश्य में अनिश्चितता के विषय में बात करता है. साथ ही उन्होंने वर्तमान की नव भूराजनीतिक का विस्तृत रूपरेखा बतायाl उन्होंने भविष्य के भूराजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण देशों की चर्चा की
नव भू-राजनीति के कुछ प्रमुख पहलू पर प्रश्न करते हुए कॉमर्स संकाय के अध्यक्ष मो नजरी ने पूछा कि वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में किस प्रकार के परिवर्तन हो रहे हैं. गहन चर्चा करते हुए प्रो मो अमान, प्रो जकी, प्रो एजाज, प्रो कौसर अन्य ने भी प्रश्न किया जिसका संतोषजनक उत्तर देते हुए डॉ अली ने भू-राजनीति के वर्तमान परिदृश्य पर प्रकाश डाला.
कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय भाषण में प्राचार्य डॉ मोहम्मद रेयाज ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए बताया कि बदलते परिदृश्य में भारत ने अपनी गतिशील और अनुकूलनशील विदेश नीति के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख भागीदार के रूप में अपनी पहचान स्थापित की है. उन्होंने इस संदर्भ में कई उदाहरण भी प्रस्तुत किए और बताया कि आज के नव भूराजनीतिक जोखिमों से कैसे निबटा जा सकता है. अंत में भूगोल विभाग की प्राध्यापक डॉ फरजाना अंजुम ने धन्यवाद ज्ञापन किया.