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झारखंड छात्र मोर्चा के कोल्हान सचिव पप्पू यादव ने पूर्वी सिंहभूम जिला उपायुक्त के माध्यम से झारखंड के राज्यपाल के नाम पत्र प्रेषित किया है. पत्र के माध्यम से जेसीएम ने लिखा है कि झारखंड राज्य में विज्ञापन संख्या 23/2023 के अंतर्गत विभिन्न विश्वविद्यालयों में गैर-शैक्षणिक पदों पर नियुक्तियाँ की गई हैं, जिनमें अनेक अनियमितताएँ पाई गई हैं।
विशेष रूप से राज्य में कुल नौ विश्वविद्यालय हैं, परन्तु उक्त नियुक्तियों में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया गया। अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के कई योग्य अभ्यर्थी शॉर्टलिस्ट किए गए थे, फिर भी उन्हें यह कहकर अस्वीकार कर दिया गया कि वे प्रोफेसर नहीं हैं, जबकि उनमें से कई की नियुक्ति 1995 में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में हुई थी।
इसके विपरीत, कोल्हान विश्वविद्यालय के अधीन एक निजी महाविद्यालय में कार्यरत विक्रम शर्मा को प्रोफेसर के रूप में मान्यता दी गई और उन्हें कुलसचिव पद पर नियुक्त कर दिया गया, जो संदेहास्पद है। यह नियुक्ति किन आधारों पर की गई, यह जांच का विषय है।
साथ ही, यह भी चिंता का विषय है कि इंटरव्यू के समय किसी भी अभ्यर्थी की डिग्री की विधिवत जाँच नहीं की गई थी। अब नियुक्ति के बाद डिग्रियों की जांच की जा रही है, जो प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
जेसीएम का राज्यपाल का अनुरोध
1. उक्त सभी कुलसचिव नियुक्तियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए।
2. समस्त चयन प्रक्रिया की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कराई जाए।
3. जब तक जांच पूरी न हो, तब तक संबंधित नियुक्तियों को अमान्य घोषित किया जाए।
रोस्टर के हिसाब से किसी भी रजिस्ट्रार को बहाल करने के लिए उनका पे स्केल होना जरूरी होता है लेकिन कोल्हान विश्वविद्यालय में जिनका नाम का चयन हुआ है उनका पे स्केल नहीं है l फिर किस आधार पर इनका चैन किया गया है. विक्रम शर्मा के सभी दस्तावेजों की जाँच की जाए.
झारखण्ड छात्र मोर्चा राज्य की शैक्षणिक और सामाजिक न्याय व्यवस्था की रक्षा के लिए सदैव प्रतिबद्ध है और आपकी सकारात्मक पहल की अपेक्षा करता है। इस संदर्भ में दस्तावेज भी उपलब्ध की जा रही है। पत्र सौपने में मुख्यरूप कोल्हान सचिव पप्पू यादव ,जिला अध्यक्ष कृष्णा कामत, बिपिन शुक्ला, संदीप, राकेश, दीपक एवम कार्यकर्ता उपस्थित रहे.