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जमशेदपुर स्थित ग्रेजुएट कॉलेज के हिंदी विभाग के द्वारा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती मनाई गई। सर्वप्रथम हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ राकेश कुमार पांडेय ने दिनकर की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। अपने संबोधन में डॉ राकेश पांडेय ने कहा कि दिनकर श्रीकृष्ण के विचारों के संवाहक थे, जो बातें श्री कृष्ण ने गीता में कही है उन्हीं बातों को अपने प्रमुख काव्यों में दिनकर ने रखा है। चाहे कुरुक्षेत्र में युद्ध की अनिवार्यता हो, या परशुराम की प्रतीक्षा में देश के सैनिकों का आह्वान करते हुए नैतिक मूल्यों का संरक्षण, राष्ट्रीय गौरव और आत्मसम्मान की रक्षा पर जोर देने की बात हो, दिनकर ने गीता के उपदेश को ही केंद्र में रखा है।
जनतंत्र का जन्म में जहां जनता को जागृत कर अन्यायी शासक को चेतावनी देते हुए दिनकर नजर आते हैं, वहीं रश्मिरथी में प्रतीभा के पराक्रम को सामने लाते हुए उसके महत्व को स्थापित किया है। डॉ पांडेय ने कहा कि दिनकर की रचनाएं जनमानस में ओज और राष्ट्रीय भाव भरने का कार्य करते हैं। संस्कृति के चार अध्याय में जहां भारतीय संस्कृति के इतिहास को उजागर करते हुए नुतन दृष्टि डाली है, वहीं हुंकार काव्य संग्रह में समाजिक विसंगतियों तथा अन्याय और दासता पर प्रहार किया है।
दिनकर की अधिकांश रचनाएं भारतीय समाज को जागरूक करने और आत्मगौरव प्रदान करने के लिए प्रेरित करती हुई दिखाई देती है।
इस अवसर पर सेमेस्टर 4 की छात्रा श्रुति चौधरी, नुपुर डे तथा सेमेस्टर 2 की छात्रा नंदनी सेन ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन सेमेस्टर 4 की छात्रा अनुभा कुमारी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन सेमेस्टर 2 की छात्रा लक्ष्मी कुमारी ने किया। इस अवसर पर, प्रियंका महतो, दिव्या कुमारी, आरती कुमारी, वर्षा गोराई, प्रिया तापये, लक्की कुमारी, दीपिका तिग्गा, सहित सेमेस्टर 4 और 2 की छात्राएं उपस्थित थीं.