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सीएसआईआर–राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (सीएसआईआर–एनएमएल), जमशेदपुर द्वारा “खनिज एवं धातुओं के परिष्करण और निष्कर्षण” पर आधारित उद्योग सम्मेलन 2025 का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य अनुसंधान, संसाधनों और उद्योगों के बीच समन्वय स्थापित कर सतत विकास को बढ़ावा देना था। यह कार्यक्रम सीएसआईआर–एनएमएल की प्लेटिनम जुबली (75वीं वर्षगांठ) का एक महत्वपूर्ण पड़ाव रहा, जिसमें प्रयोगशाला की खनिज प्रसंस्करण, धातु निष्कर्षण और धातुकर्म नवाचारों में दशकों की उपलब्धियों को रेखांकित किया गया।
इस सम्मेलन में भारत भर के उद्योग विशेषज्ञों, तकनीकी विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं ने भाग लिया और खनिज परिष्करण, मूल्य संवर्धन एवं सतत खनिज विकास के भविष्य पर विचार-विमर्श किया।
प्रारंभिक सत्र पारंपरिक दीप प्रज्वलन से शुरू हुआ। इसके बाद सीएसआईआर–एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधुरी ने स्वागत भाषण दिया और संस्थान की स्वदेशी तकनीकों और औद्योगिक सहयोग की विरासत को रेखांकित किया।
मुख्य अतिथि प्रदीप कुमार पी. (प्रबंध निदेशक, केरल मिनरल्स एंड मेटल्स लिमिटेड – KMML) ने अपने उद्घाटन भाषण में KMML–NML साझेदारी के महत्व पर प्रकाश डाला और अनुसंधान-आधारित नवाचार तथा सतत खनिज उपयोग को भारत के औद्योगिक परिवर्तन में सहायक बताया।
विशिष्ट अतिथियों डॉ. (श्रीमती) एन. आनंदवल्ली (निदेशक, CSIR–SERC एवं समन्वय निदेशक, सीएसआईआर मद्रास परिसर) और डॉ. के. जे. श्रीराम (निदेशक, CSIR–CLRI) ने भी अपने प्रेरणादायी विचार रखे और सीएसआईआर तथा उद्योगों के बीच भावी सहयोग की संभावनाओं को बल दिया।
इस अवसर पर सीएसआईआर–एनएमएल ने केरल मिनरल्स एंड मेटल्स लिमिटेड (KMML), महेश्वरी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड (MMPL), और फाउंडेशन फॉर साइंस, इनोवेशन एंड डेवलपमेंट, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु के साथ विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौते अनुसंधान को औद्योगिक क्रांति में बदलने की दिशा में एनएमएल की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
सम्मेलन के दौरान दो तकनीकी सत्रों में खनिज परिष्करण, निष्कर्षण और महत्वपूर्ण खनिज पुनर्प्राप्ति पर अनुसंधान और औद्योगिक केस स्टडी प्रस्तुत की गईं। सीएसआईआर–एनएमएल के वैज्ञानिकों और उद्योग प्रतिनिधियों ने मिलकर विचार साझा किए।
सम्मेलन में 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख उद्योगों और संस्थानों जैसे: KMML, JSW, NMDC, कोल इंडिया, IREL, TAMILNADU MINERALS LIMITED, SGS, महेश्वरी माइनिंग, फ्ल्स प्राइवेट लिमिटेड, भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, अन्ना यूनिवर्सिटी, NIT कालीकट, इंडो-सॉम मिनरल्स (सोमालिया), Saint-Gobain, Ramco Cements, Diva Envitech, Midwest Energy, Lucid Lab, और अन्य संस्थान शामिल थे।
यह सम्मेलन सीएसआईआर–एनएमएल की अनुसंधान को उद्योग से जोड़ने की प्रतिबद्धता को सशक्त बनाता है। नवाचार, संसाधन दक्षता और तकनीकी आत्मनिर्भरता के प्रति इसकी दृष्टि भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र (Aatmanirbhar एवं Viksit Bharat) बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।