- इंटरमीडिएट की कक्षा के विद्यार्थियों को नहीं पढ़ाने संबंधी राजभवन के निर्देश पर रेस हुए विधायक सरयू राय, समाधान पर की चर्चा
Campus Boom.
नई शिक्षा नीति के अनुरूप झारखंड में इंटरमीडिएट शिक्षा को महाविद्यालयों की शिक्षा से अलग करने के संबंध में राज्यपाल सचिवालय द्वारा प्रेषित एक निर्देशात्मक परिपत्र के कारण उन विद्यार्थियों के सामने जटिल समस्या उत्पन्न हो गई है, जो 12वीं की परीक्षा देने के लिए पूर्व से जैक में पंजीकृत हैं। चार महीने के बाद, दिसंबर में 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा फार्म भरने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। ऐसी स्थिति में राजभवन के निर्देश से 12वीं के छात्र-छात्राओं के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है।
इस विकट समस्या का समाधान ढूंढने के लिए जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय की पहल पर जमशेदपुर के अंगीभूत महाविद्यालयों के प्राचार्यों एवं इंटरमीडिएट से जुड़े शिक्षकों-कर्मचारी प्रतिनिधियों के साथ उनके बिष्टुपुर स्थित आवास/कार्यालय पर जरूरी बैठक हुई।
बैठक में शामिल सभी प्राचार्यों ने इस पर सहमति जतायी कि राज्य सरकार राजभवन द्वारा जारी किए गए निर्देश में आंशिक संशोधन करने के लिए पहल करे। राजभवन के परिपत्र में सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि इस वर्ष से इंटरमीडिएट की कक्षा के विद्यार्थियों को नहीं पढ़ाया जाएगा।
यह निर्देश त्वरित प्रभाव से लागू किया जाएगा। इसके चलते उन विद्यार्थियों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है जिन्होंने जैक से पंजीयन करा लिया है। बैठक में कहा गया कि राजभवन का यह आदेश लागू हो गया तो ऐसे बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।
बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार, शिक्षा विभाग और राज्यपाल से अनुरोध कर राज्यपाल के आदेश में ऐसा संशोधन करवा दिया जाए जिससे कि 12वीं के विद्यार्थी इससे प्रभावित न हो और बच्चे-बच्चियां जिस महाविद्यालय में अपना नामांकन करा लिये है वहीं से उनकी 12वीं की पढ़ाई पूरी हो सके। वैसे विद्यार्थी जो 11वीं कक्षा की पढ़ाई में असफल हो गए हैं उनके लिए भी विशेष व्यवस्था करनी होगी तथा राज्यपाल के आदेश सभी विश्वविद्यालयों पर लागू हो लेकिन 12वीं के विद्यार्थी को इससे अलग रखा जाए।
विधायक सरयू राय ने बैठक के बीच में ही उच्च शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और मंत्री दीपिका पांडेय सिंह के साथ ही राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, स्कूली शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह, उच्च शिक्षा सचिव राहुल पुरवार से दूरभाष पर बातचीत किया।
विभागीय सचिव ने संशोधन प्रस्ताव पर जताई सहमति
इन तीनों वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने सरयू राय के प्रस्ताव पर सहमति जताई। इन तीनों पदाधिकारियों ने सहमति व्यक्त की कि राज्य सरकार द्वारा राज्यपाल को आग्रह पत्र भेजा जाए कि राजभवन द्वारा जारी निर्देशात्मक परिपत्र को इस हद तक संशोधित कर दिया जाए कि 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों पर यह लागू नहीं होगा और विश्वविद्यालयों के अंतर्गत महाविद्यालयों के इंटरमीडिएट प्रभाग परीक्षा फार्म भरवाए और जैक को भेजे।
इस विषय में स्कूली शिक्षा विभाग के मंत्री से संपर्क नहीं होने के कारण उनसे बातचीत नहीं हो सकी। उम्मीद है कि आज की बैठक में सामने आए नए फार्मूला के आधार पर नई शिक्षा नीति के आलोक में राजभवन द्वारा निर्देशित किए गए परिपत्र से उत्पन्न समस्या का समाधान सरल हो जाएगा, जो विद्यार्थियों के हित में होगा।
इस बैठक में मुख्य रूप से डॉ अमर सिंह, प्राचार्य, जमशेदपुर को-आपरेटिव कालेज, डॉ एसपी महालिक, प्राचार्य, जमशेदपुर वर्कर्स कालेज, डॉ विजय कुमार पीयुष, प्राचार्य, एबीएम कालेज, डॉ वीणा प्रियदर्शिनी, प्राचार्य, जमशेदपुर ग्रेजुएट कालेज, डॉ छगन अग्रवाल, इंटरमीडिएट इंचार्ज, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय, डॉ भूषण कुमार सिंह, डॉ मनोज कुमार साव, डॉ अर्चना सिन्हा, डॉ सुशांत कुमार, प्रो प्रतिभा रानी मिश्रा, इंटरमीडिएट शिक्षक संघ से नवनीत कुमार, राजीव दूबे, कर्मचारी संघ के नेता नीतीश कुमार, डॉ अरुंधति डे के साथ ही विधायक सरयू राय के शिक्षा प्रतिनिधि एसपी सिंह, उच्च शिक्षा प्रतिनिधि पवन कुमार सिंह अन्य उपस्थित थे।