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टेल्को एन टाइप क्वार्टर की रहने वाली आठ वर्षीय बच्ची माता-पिता की डांट के डर से अपने घर के बगल वाले फ्लैट की छत पर ही छिप गयी थी. होमवर्क नहीं किये जाने को लेकर टीचर द्वारा वापस घर भेजने से बच्ची डर गई कि उसे मम्मी पापा भी डांट लगाएंगे। इस कारण से वह डर से घर नहीं लौटी. और एन 133 फ्लैट की छत पर जाकर छिप गई था। एक बार बच्ची वापस आने के बारे में सोची, लेकिन नीचे बहुत भीड़ देख सहम गई और नहीं आयी।
इस संबंध में बच्ची की मां ने टेल्को थाना में लिखित जानकारी दी है. उन्होंने बताया हैं कि बच्ची खुद अपनी मर्जी से डर से छत पर छिप गयी थी. इसमें किसी का कोई दोष नहीं है. इस संबंध में टेल्को थाना प्रभारी प्रशांत कुमार ने बताया कि बुधवार की देर रात बच्ची को पड़ोस के फ्लैट के नीचे से बरामद किया गया था. उसके बाद बच्ची से पुलिस ने गुरुवार को परिजन की मौजूदगी में बात की. पुलिस को बच्ची ने बताया कि वह शाम करीब चार बजे ट्यूशन गयी थी. लेकिन होमवर्क पूरा नहीं होने के कारण टीचर ने उसे डांट कर घर भेज दिया और होमवर्क करने के बाद ही आने को कहा.
कुछ दिन पूर्व पिता ने डांटा था
कुछ दिन पूर्व पढ़ाई को लेकर ही उसे पिता ने डांटा था. इस कारण से वह डर गयी कि अगर वह घर जायेगी, तो फिर उसकी पिटाई होगी. इस डर से वह घर नहीं जाकर अपने पड़ोस के फ्लैट की छत पर जाकर बैठ गयी थी. इस दौरान कुछ लोग उसे टॉर्च लेकर खोजने भी आये, लेकिन टंकी के पीछे होने के कारण उसे कोई देख नहीं पाया.
छत से देख रही थी सब कुछ, और सहम गई
बच्ची ने पुलिस को बताया कि छत पर छिपने के दौरान जब भीड़ भाड़ और हल्ला सुनी, तो उसे समझ आ गया कि लोग उसे खोज रहे हैं. भीड़ देख कर वह सहम गई. बच्ची ने सोचा कि जब रात हो जाएगी और भीड़ हट जाएगी तो वह खुद ही घर जायेगी. लेकिन उसे समय का अंदाजा नहीं था. देर रात को जब घर के पास से लोग डॉग स्क्वायर्ड के पीछे चले गये और भीड़ कम हुई तो वह खुद ही फ्लैट की छत से नीचे उतरी. जहां कुछ लोगों ने उसे देखा लिया।
बच्ची को लेकर शहर की एकजुटता प्रशंसनीय, सोशल मीडिया की ताकत और जनसहभागिता ने दिखाई दिशा: अंकित आनंद
भाजपा के पूर्व जिला प्रवक्ता अंकित आनंद ने कहा कि, “बच्ची की तलाश में जिस प्रकार से टाटा मोटर्स सुरक्षा विभाग, जिला प्रशासन, टेल्को थाना समेत अन्य थानों की तत्परता और शहरवासियों की एकजुटता देखने को मिली, वह अत्यंत सराहनीय है। जाति, धर्म, राजनीति, भाषा के बंधनों को तोड़कर लोगों ने बेटी की खोज को जनांदोलन बना दिया।
टेल्को कॉलोनी के निवासियों पर वर्षों से जो उपेक्षा और अलगाव का ठप्पा लगता रहा, वह इस अभियान में टूटता दिखा। सोशल मीडिया की सकारात्मक ताकत का उपयोग हुआ। भाजपा, कांग्रेस, झामुमो समेत विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भी इस मुहिम को साझा कर प्रशासन पर संवेदनशीलता और जवाबदेही का दबाव बनाया।
टाटा मोटर्स नगर प्रबंधन और सुरक्षा विभाग का डॉग स्क्वाड तत्काल सक्रिय हुआ। बाद में जिला प्रशासन की टीम भी संजीदगी से मैदान में उतरी। टेल्को थाना प्रभारी प्रशांत कुमार, बिरसानगर और गोविंदपुर थाना की भूमिका भी सराहनीय रही।
मैं सभी अभिभावकों और ट्यूशन शिक्षकों से अपील करता हूँ कि बच्चों की समय-समय पर काउंसिलिंग करें, उनका विश्वास बढ़ाएं और किसी भी डर या मानसिक दबाव से मुक्त करने में सहयोग करें। जमशेदपुर ने आज यह संदेश दिया है कि अगर किसी बेटी पर संकट आयेगा, तो पूरा शहर एकजुट होकर उसके लिए खड़ा रहेगा।”