Campus Boom.
झारखंड में शिक्षा को लेकर सबसे अधिक लापरवाही बरती जाती है. जिम्मेदार संस्था और अधिकारी एक दूसरे पर जवाबदेही को थोपते हैं और काम शिथिल पड़ जाता है. मामला राज्य में इंटरमीडिएट में दाखिला को लेकर है. दरअसल महाविद्यालयों में संचालित इंटरमीडिएट में दाखिला के लिए कॉलेज प्रबंधन को शिक्षा विभाग से नोटिफिकेशन जारी किए जाने का इंतजार है. जैक बोर्ड मैट्रिक का परिणाम 27 मई को जारी किया गया था, लेकिन आज आठ दिन बाद भी इंटरमीडिएट में दाखिला के लिए नोटिफिकेशन जारी नहीं होने से विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में असमंजस में है, तो दूसरी और मैट्रिक पास विद्यार्थी दाखिला लेने के लिए कॉलेजों के चक्कर काट रहे हैं. हालांकि इस संबंध में राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से पूर्व में ही अपने एक बयान में कहा था कि कॉलेजों में इंटरमीडिएट बंद नहीं किया गया है, इसलिए जब तक पढ़ाई जारी है, उसमें दाखिला के लिए अलग से कोई अधिसूचना की क्या जरूरत है. इधर कॉलेज प्रबंधन और विवि प्रबंधन का कहना है कि चुकी कॉलेजों से इंटरमीडिएट को चरणबद्ध तरीके से बंद करना है, इसलिए बगैर अधिसूचना के वे दाखिला किस आधार पर लेंगे.
आखिर अधिसूचना का क्यों है इंतजार
दरअसल नई शिक्षा नीति 2020 के तहत झारखंड के सभी विश्वविद्यालय के अंगीभूत महाविद्यालयों में संचालित इंटर प्रभाग को बंद कर देने का आदेश वर्ष 2023 में जारी किया था. लेकिन बगैर आधारभूत संरचना और किसी तैयारी के निकाले गए इस आदेश पर सरकार ने रोक लगाते हुए कॉलेजों में संचालित इंटरमीडिएट को तीन चरणों में बंद करने की बात करते हुए तीन सत्र 2023-25, 2024-26 और 2025-27 तक दाखिला लेने की छूट अनुमति प्रदान की गई. ऐसे में 2023 से विवि और महाविद्यालय प्रत्येक वर्ष इंटर में दाखिला के लिए नोटिफिकेशन जारी किए जाने का इंतजार करते हैं. कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि अगर वे दाखिला प्रक्रिया शुरू करते हैं और सरकार रोक लगा देगी, तो फिर कई तरह की परेशानी कॉलेज और सबसे अधिकर विद्यार्थियों को होगी.
शिक्षा मंत्री ने पूर्व में ही कहा जब तक अनुमति जब तक, तब तक जारी रहेगा दाखिला
इस मामले में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से उनके मोबाइल फोन पर संपर्क किया गय, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई. लेकिन आपको बता दें कि कैंपस बूम और अन्य मीडिया से इंटरमीडिएट के मामले में बात करते हुए शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कुछ माह पूर्व ही यह कहा था कि दाखिला को लेकर जितनी अवधि के लिए अनुमति दी गई है, तब तक दाखिला जारी रहेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य में बगैर आधारभूत और बुनियादी संरचना के कोई पढ़ाई नहीं बंद होगी. उन्होंने यह भी कहा था कि नई शिक्षा नीति और नियमों को लागू करना सरकार का दायित्व भी है, लेकिन सभी परिस्थिति को देखते हुए ही कोई निणर्य लिया जाएगा.