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हमारे देश में अगस्त का महीना ‘स्वतंत्रता माह’ होता है। इस अवसर पर जमशेदपुर की सबसे जीवंत साहित्यिक संस्था ‘दबिस्तान-ए-जमशेदपुर’ द्वारा इंग्लिश केयर अकादमी, डिग्निटी बिल्डिंग, जवाहर नगर के सभागार में एक मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता कवि एवं लेखक अहमद बद्र ने की। इस अवसर पर डॉ. एस एम यहिया इब्राहीम सम्माननीय अतिथि थे, जिन्हें संस्था द्वारा उर्दू साहित्य में उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। डॉ. हसन इमाम मलिक (टाटा स्टील, जमश) ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और मेहमान शायरा नूर जमशेदपुरी भी विशेष रूप से शामिल हुईं। दबिस्तान-ए-जमशेदपुर के एक सदस्य सफदर हारून को इस वर्ष नेट परीक्षा में उत्कृष्ट सफलता प्राप्त करने पर पुष्पगुच्छ भेंट कर और शॉल ओढ़ाकर विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि दोनों ने अपने भाषण में दबिस्तान-ए-जमशेदपुर के सदस्यों को बधाई दी और उनकी उपलब्धियों की प्रशंसा की। डॉ. इब्राहीम ने कहा कि मुझे विश्वास है कि इन युवा कवियों की कला भविष्य में न केवल बिहार और झारखंड ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी साहित्य जगत को प्रभावित करेगी। अपने अध्यक्षीय भाषण में, महफ़िल के अध्यक्ष, श्री अहमद बद्र ने कहा कि दबिस्तान जमशेदपुर युवा शायरों का एक संगठन है, लेकिन उनकी शायरी का स्तर काफी ऊँचा है। ऐसी प्रभावशाली शायरी और नई पीढ़ी के शायरों की इतनी बड़ी संख्या कहीं और देखने को नहीं मिलती।
महफ़िल की शुरुआत संस्था के सरपरस्त प्रसिद्ध शायर गौहर अज़ीज़ के स्वागत भाषण से हुई। संचालक सद्दाम गनी थे। पवित्र कुरान का पाठ सैफ जमशेदपुरी ने किया और नात-ए-रसूल की सौगात सफीउल्लाह सफी ने पेश की। इस काव्य समारोह में महान कवि सैयद शमीम अहमद मदनी (मुंहफ़ट जमशेद पुरी) के अलावा अनवर अदीब, गौहर अज़ीज़, नूर जमशेद पुरी, फरहान खान फरहान, सकलैन मुश्ताक, शोएब अख्तर, सफदर हारून, सरफराज शाद, हसरत निजामी, सैफ अली सैफ म, सफीउल्लाह सफी, वलीउल्लाह वली और सद्दाम गनी के नाम उल्लेखनीय हैं। अकादमी के निदेशक श्री रिजवान जमाँ ने धन्यवाद ज्ञापन किया। रज़ी नौशाद, इरफान अहमद, मो सफीउज्जमा, गुलाम मुस्तफा, सैयद साजिद परवेज़, मोहम्मद यहिया और शहर की अन्य गणमान्य हस्तियों की उपस्थिति से समारोह की भव्यता बढ़ी।