सामूहिक प्रयास से हम बेलडीह ग्राम को सचमुच स्वच्छ और स्वस्थ बस्ती बना सकते हैं: विधायक सरयू राय
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अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस 2025 के अवसर पर जमशेदपुर के सोनारी क्षेत्र स्थित बेलडीह ग्राम बस्ती में “बेल्डीग्राम स्वच्छता अभियान” का शुभारंभ किया गया। इस पायलट पहल का नेतृत्व आदर्श सेवा संस्थान, महिला कल्याण समिति और वायुवीर कर रहे हैं।
यह पहल बेल्डीग्राम जैसे शहरी अनौपचारिक बस्तियों के लिए एक नई आशा है, जहाँ कचरा प्रबंधन और वायु प्रदूषण जैसी समस्याएँ लंबे समय से लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर रही हैं। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में विधायक सरयू राय शामिल हुए।
विधायक सरयू राय ने कहा, बेलडीह ग्राम को स्वच्छ बस्ती के तौर पर विकसित किया जा सकता है, यदि यहाँ के निवासी सामूहिक रूप से स्वच्छता को अपनाएँ और कचरे का सही प्रबंधन करें। गीले और सूखे कचरे से खाद बनाकर उसका उपयोग बागवानी में किया जा सकता है और प्लास्टिक का भी उचित निपटान संभव है। कचरे को जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है, इसलिए हमें वैकल्पिक समाधान अपनाने होंगे।
भारत सरकार 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में काम कर रही है और बेलडीह ग्राम इस प्रयास में एक मिसाल बन सकता है। हर व्यक्ति केवल अपना घर ही नहीं, बल्कि आस-पड़ोस भी साफ रखे। कोयला और लकड़ी पर खाना बनाने की बजाय LPG जैसे स्वच्छ ईंधन का उपयोग करें। सामूहिक प्रयास से हम बेलडीह ग्राम को सचमुच स्वच्छ और स्वस्थ बस्ती बना सकते हैं।”
अभियान का उद्देश्य
अभियान का लक्ष्य केवल सफाई करना नहीं है, बल्कि बस्ती को स्वच्छ बस्ती के रूप में विकसित करना है। इसके मुख्य उद्देश्य हैं:
– स्थानीय स्तर पर कचरा संग्रहण और पृथक्करण प्रणाली विकसित करना।
– गीले और सूखे कचरे से कंपोस्ट खाद बनाना और उसका उपयोग बागवानी व अन्य कार्यों में करना।
– प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट का उचित निपटान करना।
– कोयला और लकड़ी पर आधारित खाना पकाने से परहेज कर स्वच्छ ईंधन (LPG) को बढ़ावा देना।
– युवाओं, विद्यालयों और कल्याण समितियों की सक्रिय भागीदारी से सामुदायिक स्वच्छता मॉडल तैयार करना।
क्यों ज़रूरी है यह पहल
करीब 500 घरों वाली बेल्डीग्राम बस्ती उन तमाम समस्याओं से जूझ रही है जो शहरी अनौपचारिक बस्तियों की पहचान बन चुकी हैं। यहाँ कचरा संग्रहण के लिए अधिकृत स्थल नहीं है, लोग खुले में कचरा फेंकते हैं, नालियाँ जाम रहती हैं और सेप्टिक टैंकों का गलत इस्तेमाल होता है। इन सबके कारण डेंगू, मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियाँ फैलती हैं।
साथ ही, खुले में कचरा जलाना और खाना पकाने के लिए कोयला-लकड़ी का उपयोग बस्ती की हवा को और प्रदूषित करता है। बच्चों और बुजुर्गों पर इसका सबसे ज़्यादा असर पड़ता है। यही कारण है कि यह अभियान केवल सफाई का कार्य नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, पर्यावरण और जीवन की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में सामूहिक पहल है।
वायुवीर की पहचान और भूमिका
वायुवीर दलित और आदिवासी समुदाय से आने वाले बच्चे और युवा हैं, जो महिला कल्याण समिति और आदर्श सेवा संस्थान से जुड़े हुए हैं। इस समूह में वर्तमान में 30 से अधिक बच्चे और किशोर सक्रिय हैं।
पिछले दो वर्षों से वायुवीर वायु प्रदूषण के खिलाफ कार्यरत हैं। नुक्कड़ नाटक, जागरूकता रैलियाँ और सामुदायिक संवाद इनके प्रमुख उपकरण रहे हैं। उन्होंने न केवल लोगों को प्रदूषण के दुष्परिणाम बताए, बल्कि यह भी समझाया कि कैसे छोटे-छोटे बदलाव बड़े असर डाल सकते हैं।
आज वायुवीर सिर्फ सफाईकर्मी या स्वयंसेवक नहीं, बल्कि अपने समुदाय की आवाज़ और ताक़त बन चुके हैं। उन्होंने प्रदूषण जैसे जटिल मुद्दे को एक जन-आंदोलन का रूप दिया है।
कार्यक्रम की झलकियाँ
शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और पौधारोपण से हुआ। इसके बाद लखी दास (आदर्श सेवा संस्थान) ने स्वागत भाषण दिया और बस्ती की जरूरतों पर प्रकाश डाला।
इसके बाद प्रभा जायसवाल(आदर्श सेवा संस्थान), सुश्री सुष्मृति बासु(महिला कल्याण समिति) और माननीय विधायक श्री सरयू राय ने अपने विचार रखे।
वायुवीर और बस्ती समिति ने साझा रूप से अपने अनुभव साझा किए। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में वायुवीरों ने नृत्य प्रस्तुत किया और एक गीत गाया जिसमें भारत और प्रकृति की सुंदरता को दर्शाया गया। गीत ने यह संदेश दिया कि स्वच्छ पर्यावरण ही हमारी असली पहचान है।
सबसे प्रभावशाली प्रस्तुति वायुवीरों का नुक्कड़ नाटक रहा। इसमें कचरे के गलत निपटान और उससे होने वाले स्वास्थ्य प्रभावों को बेहद जीवंत रूप में दिखाया गया। इस नाटक ने उपस्थित सभी लोगों को गहराई से प्रभावित किया और उन्हें अपने व्यवहार में बदलाव की प्रेरणा दी।
वक्ताओं के विचार
“हमारा लक्ष्य है कि समुदाय खुद बदलाव की बागडोर अपने हाथ में ले। स्वच्छ हवा और स्वच्छ बस्ती के लिए यह अभियान उसी सामूहिक ताक़त का प्रतीक है।”
प्रभा जायसवाल, आदर्श सेवा संस्थान
“यह पहल बेल्डीग्राम जैसे समुदायों के लिए एक नई शुरुआत है। हमारा लक्ष्य केवल कचरा प्रबंधन ही नहीं, बल्कि स्वस्थ और सुरक्षित जीवनशैली को बढ़ावा देना है।”
लखी दास, आदर्श सेवा संस्थान
“वायुवीर ने दिखाया है कि सामुदायिक जागरूकता और छोटे-छोटे प्रयास बड़े बदलाव की ओर ले जा सकते हैं। यह अभियान अन्य बस्तियों के लिए भी एक मॉडल बनेगा।”
सुष्मृति बासु, महिला कल्याण समिति
सामूहिक संकल्प
कार्यक्रम के अंत में बेलडीह ग्राम बस्ती के सभी लोगों ने वायुवीरों के साथ मिलकर स्वच्छ बस्ती बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने शपथ ली कि वे न केवल अपने घर बल्कि पूरे मोहल्ले की स्वच्छता पर ध्यान देंगे, गंदगी को नालियों में नहीं फेंकेंगे, कचरे का सही निपटान करेंगे और प्रदूषणकारी ईंधन का इस्तेमाल बंद करेंगे।
यह सामूहिक संकल्प इस बात का प्रतीक है कि अब बेल्डीग्राम के लोग सिर्फ जागरूक नहीं रहे, बल्कि बदलाव की बागडोर अपने हाथ में लेने के लिए तैयार हैं।
आगे की राह
इस पहल का मकसद बेल्डीग्राम को सिर्फ एक स्वच्छ बस्ती बनाना नहीं है, बल्कि इसे एक ऐसा मॉडल तैयार करना है जिसे अन्य शहरी बस्तियों में भी अपनाया जा सके। स्थानीय संस्थाएँ, समुदाय और वायुवीर मिलकर यह संदेश दे रहे हैं कि स्वच्छता कोई विकल्प नहीं, बल्कि सतत जीवनशैली का हिस्सा है।
बेल्डीग्राम का यह कदम आने वाले वर्षों में न सिर्फ जमशेदपुर बल्कि पूरे राज्य के लिए एक प्रेरणा बनेगा।