– राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त पंडित संदीप और परिमल दा ने वाकई बांधा गजब का शमां
Campus Boom.
उत्तर प्रदेश संघ द्वारा संचालित मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल के सभागार में रविवार को एन एविनिंग ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक का आयोजन किया गया। शास्त्रीय संगीत की इस सरिता में संतूर और तबला की संगत की धारा का ऐसा प्रवाह हुआ कि श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। आखिर मंच पर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित पंडित संदीप चटर्जी और आनंदित परिमल चक्रवर्ती की जोड़ी जो थी।
पंडित संदीप को यदुभट्ट पुरस्कार भी मिला हुआ है। दोनों कोलकाता से। संतूर पर अंगुलियों के जादू और तबले पर हथेली की थाप ने श्रोताओं को कुर्सी पर जमे रहने को मजबूर कर दिया। यह आयोजन अनुरनन, अकापा (अम्यूजिंग एसोसिएशन ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट) और उत्तर प्रदेश संघ ने संयुक्त तौर पर किया। यूपी संघ के अध्यक्ष अखिलेश दुबे ने कलाकारों को सम्मानित किया, उनका आभार व्यक्त किया।
दरअसल, उत्तर प्रदेश संघ में बीते एक सप्ताह के भीतर लगातार तीन ऐसे आयोजन किए गए जिसने एकबारगी टाटा की नगरी के निवासियों को बांध कर रखा। सावन का महीना चल रहा है। सबसे पहले रुद्राभिषेक और भोले बाबा के श्रृंगार का आयोजन हुआ। बिल्कुल विधि विधान से। उत्तर प्रदेश संघ के सदस्यों ने भोले बाबा पर जलाभिषेक किया। इसके तीन दिन बाद तुलसी जयंती का आयोजन मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल के सभागार में हुआ। दो दिन और गुजरे नहीं थे कि शास्त्रीय संगीत सुनने और भारतीय वाद्य यंत्र की धुन में खो जाने का लोगों को अवसर मिला। शास्त्रीय संगीत और गीत सुनने का बहुप्रतीक्षित अवसर सबको मिला। पंडित संदीप के संतूर की धुन ऐसी कि सब झंकृत हो गए। तबला पर परिमल दा ने ऐसा जादू दिखाया कि सब वाह वाह कह उठे, कई बार एमएनपीएस ऑडिटोरियम तालियों से गड़गड़ा गया। विदाई की बेला आई तो डॉक्टर राम नारायण झा ने शास्त्रीय गीत गाकर माहौल को और खुशनुमा बना दिया। उनके साथ राज नारायण भट्टाचार्या ने तबले पर संगत दी तो हारमोनियम पर सजन चटर्जी और तानपुरा पर डॉक्टर सुदीशा मुखर्जी ने अपनी कला दिखाई। बनारस घराने से तालीम लेने वाले डॉक्टर राम नारायण झा ने राग मेघ प्रस्तुत किया। गीत के बोल थे, धीर धरू कैसे सावन आवन न पावन। मुंबई से आई सुमिता दास ने भी हंस ध्वनि राग पर शास्त्रीय गीत प्रस्तुत किया। समारोह में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के जल्द स्वस्थ होने की सबने कामना भी की।
संगठन में बदलाव हुआ तो बढ़ गई सबकी सहभागिता
उत्तर प्रदेश संघ के पिछले चुनाव के बाद संगठन के नेतृत्व में बड़ा बदलाव हुआ है। उत्तर प्रदेश संघ के पर्याय सरीखे बन चुके डी पी शुक्ला को छोड़ दे तो अखिलेश दुबे और उनकी टीम को नेतृत्व का अवसर मिला है। पहले उत्तर प्रदेश संघ के आजीवन सदस्यों को आम तौर चुनाव के वक्त पूछा जाता था। अब हरेक महीने सुंदर कांड का एमएनपीएस परिसर में विधिवत पाठ हो रहा है। उसमें भजन भी हो रहा है। ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है कि उत्तर प्रदेश संघ के सदस्यों की सहभागिता निरंतर बनी रहे, विचारों का आदान प्रदान बढ़े, आपस में सबका संपर्क होता रहे।