Campus Boom.
दीक्षांत समारोह छात्राओं के संघर्ष, ज्ञान, प्रतिबद्धता एवं उत्तरदायित्व का प्रमाण है। साथ ही यह दीक्षांत समारोह इन छात्राओं के जीवन के महत्वपूर्ण यात्रा का प्रारंभ भी है। यह बातें झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने बुधवार को जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर कुलाधिपति और मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित कर रहे थे। जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय का तृतीय दीक्षांत समारोह XLRI ऑडिटोरियम परिसर में आयोजित किया गया। 
राज्यपाल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की छात्राओं ने इंटरमीडिएट कॉलेज से विश्वविद्यालय बनने तक के सफर में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह विश्वविद्यालय हजारों बेटियों के सपने पूरे कर,उनमें सकारात्मक परिवर्तन लाया है।
छात्राओं को शिक्षा प्राप्त कर न केवल विश्वविद्यालय, बल्कि समाज और राष्ट्र के विकास और कल्याण में भी अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के युग में छात्राएँ यथासंभव शिक्षा प्राप्ति के लिए प्रतिबद्ध रहें। उन्होंने यह भी बताया कि इस दिशा में जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय एक आदर्श केंद्र के रूप में कार्यरत है। उन्होंने उपदेश दिया कि छात्राएं चुनौतियों को अवसर के रूप में स्वीकार करें। छात्राओं की असीमित क्षमताओं को देखते हुए उन्हें प्रगति पथ पर निरंतर अग्रसरित रहने की शुभकामना भी दी। नेल्सन मंडेला के कथन “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है’ को छात्राओं की प्रेरणा का बीज वाक्य बताते हुए उन्हें राष्ट्र विकास में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।
राज्यपाल सह कुलाधिपति का स्वागत विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डॉ.) अंजिला गुप्ता, कुलसचिव तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों एवं छात्राओं द्वारा पारंपरिक सम्मान-विधि के साथ किया गया। विश्वविद्यालय की छात्राओं ने संथाल जनजाति की सांस्कृतिक पहचान को प्रदर्शित करते हुए संथाली स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया, जिसके बाद NSS Clap Ceremony के माध्यम से राज्यपाल का औपचारिक स्वागत किया गया। अकादमी परेड में एकेडमिक काउंसिल के सदस्य, सिंडिकेट सदस्य, राज्यपाल द्वारा नामित सदस्य कुलपति एवं राज्यपाल सह कुलाधिपति सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान के साथ हुआ । जिसके उपरांत कुलपति प्रो० डॉ अंजिला गुप्ता ने महामहिम को शाॅल, झारखण्ड की जनजातीय संस्कृति का प्रतीक चिह्न एवं श्रीफल का पौधा भेंट कर सम्मानित किया। तत्पश्चात दीप प्रज्ज्वलन के साथ समारोह की औपचारिक शुरुआत की गई तथा डॉ० सनातन दीप द्वारा विश्वविद्यालय का कुलगीत प्रस्तुत किया गया।
कुलसचिव डॉ. सलोमी कुजूर के अनुरोध पर कुलाधिपति महोदय ने दीक्षांत समारोह के आरंभ की घोषणा की। इसके बाद विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित स्मारिका (Souvenir) का विमोचन किया गया। स्वागत उद्बोधन में कुलपति प्रो. (डॉ.) अंजिला गुप्ता ने महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति, अतिथियों एवं सभी सहभागियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं शोध–संबंधी उपलब्धियों का विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस विश्वविद्यालय ने वर्ष 2022 में ही नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) पर आधारित पाठ्यक्रम को शुरू करके पूरे जमशेदपुर में एक अग्रणी पहल की।अनुसूचित जाति एवं जनजाति की छात्राओं को शिक्षा से जोड़ा गया। विभिन्न विभागों के छात्राओं द्वारा अलग- अलग क्षेत्रों में इंटर्णशिप कर , अपनी महत्वपूर्ण निभाई।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की छात्राएँ राष्ट्र निर्माण से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में अपना परचम लहरा रही हैं। यहां की छात्राएँ प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ के कर्त्तव्य पथ की परेड में शामिल होती हैं। साथ ही साथ भविष्य में विश्वविद्यालय को उन्नत करने की प्रस्तावित योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय की छात्राएँ राष्ट्रनिर्माण, शोध, कला, खेल, तकनीक, सामाजिक विज्ञान, नवाचार, उद्यमिता तथा सामुदायिक सेवा जैसे विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दे रही हैं। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उनकी प्रतिष्ठित भागीदारी निरंतर विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ा रही है। माननीय कुलपति महोदया ने सभी उपाधि–धारकों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं।
कुलसचिव डॉ. सलोमी कुजूर के आग्रह पर विभिन्न संकायाध्यक्षों ने
सत्र 2023–25 के स्नातकोत्तर, स्नातकोत्तर वोकेशनल एवं बी.एड. तथा
सत्र 2022–25 के स्नातक वोकेशनल के उपाधि–धारकों को संबोधित किया।
इसके उपरांत क्रमवार सभी संकायाध्यक्षों के अनुरोध पर माननीय कुलपति प्रो. (डॉ.) अंजिला गुप्ता ने विज्ञान संकाय, समाज विज्ञान संकाय, मानविकी संकाय और वाणिज्य संकाय के स्नातक एवं स्नातकोत्तर उपाधि–धारकों को औपचारिक रूप से उपाधियाँ धारण करने की अनुमति प्रदान की।
समारोह में महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति ने कुल 25 स्वर्ण पदक विजेता छात्राओं को स्वर्ण पदक एवं प्रमाण–पत्र प्रदान किए।
“ओवरऑल बेस्ट ग्रेजुएट” का खिताब बीसीए विभाग की सुश्री सोमा बेरा को प्राप्त हुआ। अर्थशास्त्र विभाग की सुश्री श्रद्धा सिन्हा को प्रतिष्ठित “डॉ. रेखा झा अवार्ड फॉर एक्सेलेंस इन इकोनॉमिक्स” से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान पूर्व विभागाध्यक्ष स्वर्गीय डॉ. रेखा झा की स्मृति में स्थापित है तथा इसके अंतर्गत ₹1,00,000 की धनराशि एवं प्रमाण–पत्र प्रदान किया जाता है।
इस अवसर पर कुल 713 उपाधि–धारकों एवं 17 रैंक धारकों की उपस्थिति से समारोह अत्यंत उल्लासपूर्ण एवं प्रेरणादायी बना रहा।
कुलसचिव के प्रस्ताव पर महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति ने अपनी अनुपस्थिति में शेष उपाधियाँ प्रदान करने तथा समारोह के समापन हेतु कुलपति महोदया को अधिकृत किया।
राष्ट्रगान के साथ समारोह के प्रथम चरण का समापन हुआ।
समारोह के दूसरे भाग में माननीय कुलपति महोदया प्रो. (डॉ.) अंजिला गुप्ता ने सभी 17 रैंक धारकों को प्रमाण–पत्र एवं स्मृति–चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। विभिन्न संकायाध्यक्षों द्वारा शेष उपाधि–धारकों को प्रमाण–पत्र प्रदान किए गए। धन्यवाद ज्ञापन परीक्षा नियंत्रक डॉ. रमा सुब्रमण्यन द्वारा प्रस्तुत किया गया। कुलपति द्वारा समापन घोषणा के पश्चात अकादमिक परेड की वापसी के साथ कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. किश्वर आरा, कुलसचिव डाॅ. सलोमी कुजूर , मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. सुधीर कुमार साहु, विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ. जावेद अहमद, परीक्षा नियंत्रक डॉ. रमा सुब्रह्मण्यम,वाणिज्य संकायाध्यक्ष डॉ. दीपा शरण, सीवीसी डॉ अन्नपूर्णा झा, डॉ० रिजवाना परवीन, डॉ. कामिनी कुमारी, डॉ रत्ना मित्रा, डॉ पुष्पा कुमारी, डॉ ग्लोरिया पूर्ति, डॉ रूपाली पात्रा, डॉ० अनामिका, डॉ सोनाली सिंह, सुश्री रिंकू सेन, डॉ माधुरी प्रियदर्शनी सभी संकायाध्यक्ष, सभी विभागाध्यक्ष, अन्य सभी शिक्षकगण, विभिन्न संस्थानों से आए गणमान्य अतिथिगण, उपस्थित मीडिया कर्मी , शिक्षकेतर कर्मी, विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मी एवं छात्राओं की सक्रिय भागीदारी ने कार्यक्रम को सफल और यादगार बनाया।
मंच संचालन डॉ. नूपुर अन्विता मिंज (विभागाध्यक्ष, हिंदी) तथा डॉ. मनीषा टाइटस (विभागाध्यक्ष, अंग्रेज़ी) द्वारा किया गया, तथा सुश्री आयशा एवं साई भारती ने सह–संचालक के रूप में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई।

