Campus Boom.
खनन मंत्रालय के राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन (NCMM) के अंतर्गत उत्कृष्टता केंद्र सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “क्रिटिकल मेटल्स” का आज सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस सम्मेलन में विश्वभर के विशेषज्ञों ने क्रिटिकल मेटल्स के खनन, संवर्धन (बेनिफिसिएशन), द्वितीयक स्रोतों से पुनर्चक्रण, तथा अंतरराष्ट्रीय नीतियों और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन जैसे तकनीकी क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया।
सम्मेलन के तीसरे दिन, फ्रांस के यूनिवर्सिटी दे लोर्राने, जियोरिसोर्सस के प्रोफेसर अलेक्ज़ांद्र शेन ने मुख्य व्याख्यान प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने बैटरी रीसाइक्लिंग की उन्नत विधियों पर प्रकाश डाला। बैटरी रीसाइक्लिंग वर्तमान समय में क्रिटिकल मिनरल्स की प्राप्ति का एक प्रमुख द्वितीयक स्रोत तथा अत्यधिक संभावनाओं वाला शोध क्षेत्र है। इसके बाद फ्रांस के IGP-CNRS से प्रोफेसर एरिक डी. वैन हुलबुश ने प्लेनरी व्याख्यान प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे प्रकृति से प्रेरणा लेकर हम इलेक्ट्रॉनिक कचरे (ई-वेस्ट) जैसे द्वितीयक स्रोतों से क्रिटिकल मेटल्स प्राप्त कर सकते हैं।
तीसरे दिन की तकनीकी सत्र भी द्वितीयक स्रोतों के पुनर्चक्रण पर केंद्रित रहे। द्वितीयक संसाधनों में क्रिटिकल मिनरल्स की अत्यधिक संभावना छिपी है, और इनका पुनर्चक्रण न केवल संसाधन उपलब्ध कराता है, बल्कि ऐसे कचरे को लैंडफिल में जाने से भी रोकता है। सम्मेलन के दौरान विभिन्न संस्थानों के शोधार्थियों द्वारा मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियाँ भी दी गईं। श्रेष्ठ प्रस्तुतियों को पुरस्कृत किया गया, जिसमें मौखिक प्रस्तुति श्रेणी में दो प्रथम पुरस्कार, तथा पोस्टर श्रेणी में एक प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया।
इसके अतिरिक्त मौखिक और पोस्टर दोनों श्रेणियों में दो-दो द्वितीय तथा दो-दो तृतीय पुरस्कार भी प्रदान किए गए। समापन सत्र के दौरान छात्रों को 15 ट्रैवल ग्रांट तथा वरिष्ठ शोधकर्ताओं को 5 ट्रैवल ग्रांट प्रदान किए गए।
CRITMET 2025 ने क्रिटिकल मेटल्स के क्षेत्र में देश में अनुसंधान की दिशा निर्धारित की है। इस सम्मेलन ने न केवल वैश्विक तकनीकी विशेषज्ञों को एक मंच पर लाया, बल्कि नीति निर्धारण और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन से जुड़े विशेषज्ञों को भी जोड़ा, जिनकी भूमिका भविष्य में व्यापार को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण होगी।

