– महिला के पति की 15 दिन पहले हुई थी मौत
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पुलिस और वर्दी का नाम आते ही लोग जहां एक ओर डर से जाते हैं, तो कई लोगों की ऐसी धारणा हो गई है कि पुलिस किसी की मदद नहीं करती है बल्कि परेशान करती. लेकिन ऐसा नहीं है. पुलिस विभाग में ऐसे कई पुलिस पदाधिकारी और सिपाही हैं जो अपनी ड्यूटी के साथ पीड़ितों की सेवा के लिए भी तत्पर दिखाई देते हैं. ऐसा ही उदाहरण और मिसाल जमशेदपुर के जुगसलाई थाना प्रभारी बैजनाथ कुमार ने प्रस्तुत की है. दरअसल जुगसलाई क्षेत्र में 10 दिन के नवजात के साथ भटक रही एक विक्षिप्त महिला को उसके घर तक पहुंचाने में बढ़चढ़ कर अपनी भूमिका अदा करने से जुड़ा हुआ है. महिला को पुलिस खासकर थाना प्रभारी बैजनाथ कुमार द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई, बल्कि उसका उचित इलाज करवा कर और लोगों से उसके घर की जानकारी इकट्ठा कर पश्चिम बंगाल में रहने वाले उसके पिता को बुलाकर उनको सुपुर्द कर दिया. पुलिस पदाधिकारी की इस मानवता के लिए पूरे क्षेत्र में चर्चा और प्रशंसा हो रही है.
ये है मामला
जुगसलाई क्षेत्र में 10 दिन पूर्व एक महिला को लोगों ने नवजात शिशु के साथ देख कर हंगामा किया था. लोगों को आशंका थी कि महिला कहीं बच्चा चोरी कर के तो नहीं लाई है. ऐसे में जुगसलाई पुलिस को सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची. थाना प्रभारी ने महिला और बच्चा का मामला होने को लेकर तत्पर्ता दिखाई और महिला को बच्चे के साथ रेस्क्यू किया. जांच के बाद मालूम चला कि उक्त महिला अपने पति के साथ जुगसलाई क्षेत्र के आसपास ही घूम घूम कर अपना जीवन बसर कर रही थी. उसके पति की हाल ही में मौत हो गई. उसी दौरान महिला ने बच्चे को भी जन्म दिया था. पति की मौत के बाद महिला बच्चे को जहां तहां लेकर घूमने लगी. चुकी वह मानसिक रूप से बीमार (विक्षिप्त) है, इसलिए लोगों को गलत होने की आशंका हुई. लेकिन जुगसलाई पुलिस को समय पर जानकारी मिलने पर महिला और नवजात दोनों की जिंदगी को बचाई जा सकी.
उचित व्यवस्था नहीं मिलने से पुलिस को हुई परेशानी
थाना प्रभारी ने इस बात से अफसोस जताया कि जिला या जमशेदपुर शहर में ऐसी महिलाओं को सुरक्षित रखने की कोई व्यवस्था नहीं मिली. उन्होंने कहा कि वे महिला का जुगसलाई पीएचसी में इलाज के बाद साकची महिला थाना को सुपुर्द किए. लेकिन वहां से उसे वापस यह कह कर भेज दिया गया, क्योंकि महिला मानसिक रूप से बीमार है जिसे कहीं रखने के लिए विशेष सेल्टर होम नहीं है जहां वह अपने नवजात बच्चे को लेकर रह सके. सीडब्ल्यूसी से उन्होंने संपर्क किया, लेकिन निराशा ही हाथ लगी. थाना प्रभारी बैजनाथ कुमार ने चार दिनों तक अलग अलग व्यवस्था करते हुए महिला को सुरक्षित रखा और इस दौरान उसके घर और परिवार वालों का पता लगाने में सफल रहे. चुकी महिला और उसका पति जुगसलाई बलदेव बस्ती के आसपास रहता था, तो स्थानीय लोगों ने उसके संबंध में कई जरूरी जानकारी दी, जिसके बाद उसके पिता को पश्चिम बंगाल के पुरूलिया से बुलाकर सुपुर्द कर दिया गया.