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बोकारो – झारखंड के बोकारो जिले से पिछले दिनों एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया था जिसमें एक हनुमान लंगूर को बेरहमी से पीटते देखा जा रहा है। यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (वीडियो लिंक) पर वायरल होने के बाद पशु अधिकार संगठन PETA इंडिया ने कड़ी कार्रवाई करते हुए झारखंड वन विभाग के बोकारो डिवीजन में शिकायत दर्ज कराई। लंगूर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-II के अंतर्गत संरक्षित है।
बोकारो के हरला थाना क्षेत्र के सेक्टर 11 में एक उत्पाती लंगूर को काबू में करने के दौरान कथित रूप से की गई बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद वन विभाग ने तीन लोगों श्रीकांत मास्टर, अरविंद कुमार और होमगार्ड जवान मंटू सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
घटना में देखा गया कि चास वन प्रमंडल के अंतर्गत तैनात एक होमगार्ड जवान समेत कई लोगों ने पकड़े गए लंगूर को लाठियों से बेरहमी से पीटा। यह मामला तब सामने आया जब वीडियो के माध्यम से पीईटीए इंडिया को टैग किया गया। संगठन ने इस अमानवीय कृत्य की निंदा करते हुए वन विभाग से प्रारंभिक अपराध प्रतिवेदन (POR) दर्ज करने की अपील की।
जानकारी के अनुसार, लंगूर ने कुछ लोगों को काट लिया था, लेकिन बजाय इसके कि वन विभाग की टीम मामले को संभालती, कुछ लोगों ने कानून को अपने हाथ में ले लिया और हिंसा पर उतर आए, जबकि लंगूर पहले से ही पकड़ा जा चुका था। फिलहाल, घायल लंगूर का इलाज जवाहरलाल नेहरू जैविक उद्यान (बोकारो ज़ू) में चल रहा है और जल्द ही उसे प्राकृतिक आवास में छोड़ा जाएगा।
इस घटना के बाद वन विभाग ने हरला थाना में तीन नामजद लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिनमें चास वन प्रमंडल में तैनात होमगार्ड जवान मंटू सिंह भी शामिल हैं। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 291 और 325, तथा पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 के अंतर्गत FIR दर्ज की है। इसके साथ ही वन विभाग ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 9 के तहत भी POR दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि आरोपी मंटू सिंह को निलंबित कर दिया गया है
PETA इंडिया की क्रूरता प्रतिक्रिया समन्वयक सिञ्चना सुब्रमण्यम ने कहा,
“मानव और वन्यजीवों के बीच के संघर्ष का समाधान हिंसा या हत्या नहीं है। नगर योजना में वनों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और वन्यजीवों के shrinking habitats में मानवीय हस्तक्षेप को रोका जाना चाहिए। हम बोकारो के डीएफओ रजनीश कुमार (IFS) को इस मामले में तत्परता से POR दर्ज करने के लिए धन्यवाद देते हैं।”
हनुमान लंगूर सामान्यतः झुंडों में रहते हैं जिनकी संख्या सौ तक हो सकती है। वे सामाजिक होते हैं और खेलना, एक-दूसरे की देखभाल करना, और समूह में रहना पसंद करते हैं। संकट के समय ये एक-दूसरे की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
PETA India की अपील है कि “जानवर हमारे मनोरंजन या किसी अन्य प्रकार के उत्पीड़न के लिए नहीं हैं” और यह संगठन प्रजातिवाद (speciesism) का विरोध करता है। कहा गया है कि अगर ऐसी कोई भी घटना होती है, तो लोग सीधे पेटा को सूचित कर सकते हैं.