Campus Boom.
झारखंड राज्य के विभिन्न अंगीभूत महाविद्यालयों में इंटरमीडिएट (12वीं ) में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है. राज्यपाल सचिवालय से अधिसूचना जारी करते हुए सभी अंगीभूत कॉलेजों में 12वीं की पढ़ाई जारी रखने की छूट दी गई है. अधिसूचना के तहत जो बच्चे सत्र 2024-26 के लिए जिस संस्थान से नामांकित हैं और 11वीं उत्तीर्ण हो गए है, उनकी 12वीं की पढ़ाई उसी संस्थान से पूरी होगी. इस खबर से राज्य के 70 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को राहत मिली है. मालूम हो कि 12वीं के विद्यार्थियों को प्लस टू स्कूलों में स्थानांतरण (समायोजित) करने की बात कही जा रही थी, जिसको पूरे राज्यभर में खासकर जमशेदपुर में जाेरदार विरोध हुआ था. यहां तक कि राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को सार्वजनिक तौर पर छात्राओं ने घेर कर उनसे 12वीं की पढ़ाई को बंद करने और उन्हें विद्यार्थियों को समायोजित करने का विरोध करते हुए सवाल किया था. यह मामला पूरे राज्यभर में खूब चर्चा का विषय रहा. विद्यार्थियों के पक्ष में राजभवन से जारी इस अधिसूचना का श्रेय अगर किसी को है, तो वह छात्राओं के आंदोलन का है. उनकी यह बहुत बड़ी जीत है.
ये था मामला
मालूम हो कि नई शिक्षा नीति 2020 को पूरे राज्यभर में लागू करते हुए राज्य के तमाम अंगीभूत महाविद्यालयों में संचालित इंटरमीडिएट को तत्काल प्रभाव से बंद करने, दाखिला नहीं लेने का आदेश राज्यपाल सचिवालय की ओर से जारी किया गया था. इसके बाद से राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने जहां एक ओर इंटरमीडिएट को कॉलेजों से बंद कर दिया, तो दूसरी ओर 12वीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों को भी प्लस टू स्कूलों में समायोजित करने की बात कर चल रही पढ़ाई को बंद कर दिया गया था. जिसका जोरदार विरोध हुआ. विद्यार्थियों ने महज छह माह के सत्र की पढ़ाई बाकी होने और पढ़ाई बाधित होने का हवाला देते हुए कॉलेज से ही सत्र पूरा करने की मांग की थी. अंतत: राजभवन सचिवालय ने राज्य के तमाम अंगीभूत विश्वविद्यालय, महाविद्यालयों को पत्र जारी करते हुए पढ़ाई को पूरा करने की छूट दी है.
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फेल विद्यार्थियों को नहीं मिलेगा लाभ
अधिसूचना जहां एक ओर से 11वीं में दाखिला नहीं लेने की चेतावनी दी गई है, वहीं यह भी कहा गया है कि सत्र 2024-26 के वैसे विद्यार्थी, जो 11वीं में फेल हो गए हैं उन्हें इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा, यानी वे अब महाविद्यालय के विद्यार्थी नहीं होंगे. उन्हें पूर्ण रूस से प्लस टू या इंटरमीडिएट कॉलेज में दाखिला लेकर ही पढ़ाई करनी होगी. यानी इस अधिसूचना का सीधा मतलब है कि 2026 से किसी भी हाल में इंटरमीडिएट का संचालन नहीं होगा, क्योंकि अगर फेल विद्यार्थी को भी मौका मिलता, तो उनकी कक्षाएं भी संचालित करनी पड़ती, जिसकी वजह से 2026 में भी उनके लिए 12वीं की कक्षाएं चलाने पड़ती.
छात्र नेताओं ने जताई खुशी
इंटरमीडिएट 12वीं की पढ़ाई जारी रखने की मांग करने वाले छात्र नेता हेमंत पाठक, झारखंड छात्र मोर्चा के जिला अध्यक्ष कृष्णा कामत व अन्य सदस्यों ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि वे लोग पूर्व से यह मांग कर रहे थे कि बच्चों का भविष्य देखते हुए पढ़ाई जारी रखी जाए. उन्होंने इसके लिए राज्यपाल और शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के प्रति आभार जताया है.