Campus Boom.
सहायक प्राध्यापकों की प्रोन्नति में हो रहे असाधारण विलम्ब से सभी में घोर आक्रोश है और अधीरता बढ़ती जा रही है। विदित हो कि स्टैच्ययुट के अनुसार पीएच डी के साथ सर्विस में आने वालों को 2023 में और बिना पीएचडी के सर्विस में आने वालों को 2025 के मार्च में यूनिवर्सिटी प्रोफेसर बन जाना था। किंतु जिस मंथर गति से काम हो रहा है, उस गति से सभी लोग बिना उचित प्रोन्नति के ही रिटायर हो जाएंगे।
शिक्षकों की एकमत राय यही है कि कच्छप गति से चरणबद्ध तरीके से नहीं *अब अविलम्ब प्रोन्नति* चाहिये। जुलाई के महीने में लगातार इसके लिये प्रयास किये जायेंगे और यदि सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आये तो आगामी 8 अगस्त से राज्यव्यापी और उग्र आंदोलन चलाया जाएगा।
इस हेतु राज्य के विभिन्न विवि के शिक्षक नेताओं को कार्यक्रम तय करने को कहा गया है।
आंदोलन की स्टीयरिंग कमिटी में सिकामू विवि से डॉ सञ्जय प्रियम्वद,
विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि से डॉ भृगुनन्दन सिंह, रांची विवि से डॉ उमेश कुमार, नीलाम्बर पीताम्बर विवि से डॉ ऋचा सिंह, कोल्हान विवि से डॉ अशोक कुमार रवानी एवं श्री इंदल पासवान, विनोबा भावे विवि के डॉ सुबोध सिंह शिवगीत सम्मिलित हैं। आंदोलन को सफल एवं राज्यव्यापी बनाने के लिये मंगलवार 8 जुलाई से जगह जगह पर जगदीश लोहरा और डॉ सुबोध सिंह शिवगीत दौरा करेंगे।
ऑनलाइन बैठक में पृथ्वीराज नायक, डॉ समीरा सिनहा, डॉ संगीता बिरुआ, डॉ किरण, डॉ लाडली, डॉ विनय भरत, डॉ घनश्याम, डॉ रणजीत समेत कई शिक्षक शामिल थे। डॉ अशोक कुमार रवानी के धन्यवाद ज्ञापन और दिनकर के इस पंक्ति को दोहराते हुए बैठक समाप्त हुई कि “याचना नहीं अब रण होगा।”
झारखंड यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (जुटान) के संयोजक कंजीव लोचन ने इस अवसर पर राज्य भर के शिक्षकों और शिक्षक संगठनों से अपील की है कि जिस तरह पुरानी पेंशन योजना के लिए सब एक जुट थे इस बार प्रोन्नति के लिये भी सब एक जुट हो जाएं और 2025 के अंत तक कम से कम एसोशिएट प्रोफेसरी का हक लेने के लिये कमर कस लें।