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युवा (यूथ यूनिटी फॉर वॉलंटरी एक्शन’) एवं गर्ल्स फर्स्ट फंड के संयुक्त तत्वावधान में आज पोटका प्रखंड के इम्पीरियल रिसोर्ट, तेंतला में बाल विवाह एवं जबरन विवाह उन्मूलन कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय प्रखंड स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति के उन्मूलन के लिए जागरूकता फैलाना एव् पंचायत स्तर पर समन्वित रणनीति बनाना था।
इस कार्यक्रम में पोटका प्रखंड के विभिन्न पंचायतों से आए 33 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें पंचायत प्रतिनिधि मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य), आंगनबाड़ी सेविकाएं, स्वास्थ्य सहिया, जल सहिया प्रमुख रूप से शामिल थे । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में प्रखंड पंचायती पदाधिकारी मनोज कुमार सिन्हा उपस्थित रहे। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि बाल विवाह को रोकने के लिए गांव-गांव में जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में कई अभिभावक अपनी बेटियों को बोझ समझते हैं और कम उम्र में उनकी शादी कर देते हैं, जिससे उन्हें कई शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि बेटियों को शिक्षित किया जाए, तो वे न केवल अपने परिवार को सशक्त बनाती हैं, बल्कि पूरे समाज को आगे ले जाती हैं।
कार्यक्रम का संचालन प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर चांदमनी सवैयां द्वारा किया गया। उन्होंने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि झारखंड बाल विवाह के मामलों में देशभर में चौथे स्थान पर है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों, आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहिया कार्यकर्ताओं एवं अन्य स्थानीय संगठनों की सक्रिय भागीदारी को जरूरी बताया ताकि बाल विवाह की कुरीति को जड़ से खत्म किया जा सके।
हल्दिपोखर पंचायत की मुखिया देवी कुमारी भूमिज ने कहा कि अशिक्षा और गरीबी बाल विवाह के मुख्य कारण हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस सामाजिक कार्य को करते समय अक्सर समुदाय से विरोध का सामना करना पड़ता है। फिर भी उन्होंने युवा संस्था एवं चाइल्ड लाइन के सहयोग से इस वर्ष 10 बाल विवाह को रोका है, जो एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। गंगाडीह की सहिया साथी पानो बास्के ने सुझाव दिया कि ग्राम प्रधानों को सशक्त कर इस मुद्दे को ग्राम सभा में प्रमुखता से उठाया जाना चाहिए, ताकि केवल सरकारी योजनाओं तक ही चर्चा सीमित न रह जाए, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी विमर्श हो।
चांपी पंचायत के ग्राम प्रधान बिश्वनाथ ने वादा किया कि वे अपनी ग्राम सभा में बाल विवाह के खिलाफ आवाज़ उठाएंगे। पोड़ाडीह की मुखिया श्रीमती दुखनी माई सरदार ने कहा कि इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन नियमित रूप से किया जाना चाहिए, ताकि समाज में बदलाव लाया जा सके। चारडीहा पंचायत के ग्राम प्रधान नंदलाल सरदार ने शिक्षा को बाल विवाह रोकने का सबसे बड़ा हथियार बताया। अंत में युवा संस्था की कार्यकर्ता अवंती सरदार ने सभी प्रतिभागियों, अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में रीला सरदार की अहम भूमिका रही।