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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर में 21 जून को 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अत्यंत उल्लास और गरिमामयी वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम स्पोर्ट्स ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ, जिसमें संस्थान के निदेशक, डीन, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, छात्र-छात्राएं तथा अन्य व्यक्ति बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत प्रातः 6:00 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। मुख्य अतिथि के रूप में संस्थान के निदेशक प्रो. गौतम सुत्रधर ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उनके साथ उप निदेशक प्रो.आर.वी. शर्मा एवं कुलसचिव (डॉ) निशीथ कुमार राय तथा अन्य अतिथि मंचासीन थे।
योग सत्र का संचालन पतांजलि योगपीठ हरिद्वार से प्रशिक्षित एवं प्रमाणित योग प्रशिक्षक एवं संस्थान के सिनियर सुपरिटेंडेंट नंद किशोर झा द्वारा किया गया। सत्र की शुरुआत सूर्य नमस्कार से हुई, इसके पश्चात ताड़ासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन, वज्रासन, अनुलोम-विलोम, कपालभाति आदि का अभ्यास कराया गया। सभी प्रतिभागियों ने अनुशासित रूप से योग किया और वातावरण पूर्णतः शांत और सकारात्मक ऊर्जा से भर उठा।
योग प्रशिक्षक नंद किशोर झा ने प्रतिभागियों को प्रत्येक आसन के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ विस्तारपूर्वक समझाए, जिससे छात्रों में योग के प्रति जिज्ञासा और जागरूकता दोनों ही बढ़ी।
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इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो. सुत्रधर ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा की “योग भारत की अमूल्य देन है, जो आज संपूर्ण विश्व को स्वास्थ्य, शांति और संतुलन की ओर अग्रसर कर रहा है। एनआईटी जमशेदपुर में हम न केवल तकनीकी उत्कृष्टता पर बल देते हैं, बल्कि छात्रों के समग्र व्यक्तित्व विकास और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता देते हैं। योग इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण साधन है।”
योग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित सभी व्यक्तियों को संस्थान की तरफ से टी-शर्ट भेंट की गई एवं अल्पाहार का भी प्रबंध किया गया था। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ और राष्ट्रीय गान के साथ हुआ। अंत में स्टूडेंट्स एक्टिविटी सेक्शन द्वारा सभी अतिथियों, प्रशिक्षक, छात्रों और कर्मचारियों को सफल आयोजन में भागीदारी के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
एनआईटी जमशेदपुर में आयोजित यह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस न केवल एक सांस्कृतिक एवं स्वास्थ्य-संबंधी आयोजन था, बल्कि यह एक सामूहिक चेतना, अनुशासन और आंतरिक संतुलन का उत्सव भी था। इस आयोजन ने यह स्पष्ट किया कि योग केवल शारीरिक क्रिया नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक समग्र पद्धति है। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं के साथ साथ सभी डीन, विभागाध्यक्ष एवं प्रोफेसर शामिल हुए। इस आशय की जानकारी संस्थान के मिडिया प्रभारी सुनील कुमार भगत ने दी है।