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बोर्ड परीक्षा में एक बार फिर से जमशेदपुर की छात्राओं का दबदबा कायम रहा है. आईसीएसई बोर्ड के रिजल्ट के बाद सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा में भी यहां की छात्राओं ने टॉपर की श्रेणी में अपना नाम ऊपर रखने में सफलता हासिल की है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के 10वीं बोर्ड परीक्षा में जहां एक ओर विद्या भारती चिन्मय विद्यालय, टेल्को की छात्रा मान्या कांत ने 98.2 प्रतिशत अंक लाकर स्टेट टॉपर में शामिल हो गई हैं, वहीं डीएवी पब्लिक स्कूल बिस्टुपुर के 12वीं की छात्रा कौशिकी पाठक ने आर्ट्स स्ट्रीम में 98.25 प्रतिशत अंक लाकर स्टेट टॉपर हुई है. इन दोनों छात्राओं ने जमशेदपुर का झंडा एक बार फिर से टॉपरों के फेहरिस्त में ऊंचा कर दिया है. दोनों छात्राओं की सफलता से जहां एक ओर स्कूल प्रबंधन, उनके अभिभावक खुश हैं वहीं, शहरवासी भी खुद को गौरवांवित महसूस कर रहे हैं. कैंपस बूम ने इन दोनों छात्राओं से उनकी सफलता पर विशेष बातचीत की और उनके भविष्य को लेकर क्या सोच है, इसको जानने का प्रयास किया. विद्या भारती चिन्मया विद्यालय की प्रिंसिपल मीना बिल्कू और डीएवी बिस्टुपुर की प्रिंसिपल प्रज्ञा सिंह अपनी छात्रा की सफलता से काफी खुश हैं और उन्होंने दोनों छात्राओं और सभी सफल विद्यार्थियों को बेहतर भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं.
पढ़िए दोनों स्टेट टॉपर छात्राओं का यह इंटरव्यू.
10वीं की टॉपर मान्या कांत : 10वीं तक पांच शहर के पांच अलग अलग स्कूलों में लेना पड़ा दाखिला, लेकिन पढ़ाई पर नहीं आने दिया कोई असर
सीबीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षा में विद्या भारती चिन्मय विद्यालय की छात्रा मान्या कांत ने 98.2 प्रतिशत अंक लाकर कोल्हान टॉपर होने के साथ स्टेट टॉपर की श्रेणी में भी अपना नाम शामिल कराने में सफल हुई है. मान्या ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता, पिता, स्कूल के टीचर्स को दिया है. मान्या वीबीसीवी में नौंवी कक्षा में दाखिला ली थी. इसके पूर्व वह बोकारो में पढ़ रही थी. यही नहीं अपने पिता के ट्रांसफर पोस्टिंग वाले जॉब के साथ मान्या का भी शहर, राज्य और स्कूल बचपन से बदलता रहा है. मान्या के पिता बैंक ऑफ इंडिया बिस्टुपुर मेन ब्रांच में सहायक बैंक प्रबंधक के पद पर कार्यरत है जबकि मा पल्लवी कांत गृहिणी हैं. मान्या की प्राइमरी की पढ़ाई मुंबई के बाल भारती स्कूल से हुई है. पिता के बैंक में जॉब होने के कारण कुछ ही साल बाद उनका तबादला गुजरात के अहमदाबाद में हो गया, उसके बाद मान्या ने वहां के डीपीएस से आगे की पढ़ाई की. एक बार फिर से मुंबई वापस होना पढ़ा. वहीं बीते एक वर्ष पहले तक आठवीं तक की पढ़ाई बोकारो के स्कूल से हुई. पिता का तबादला जमशेदपुर होने के बाद नौंवी से जमशेदपुर के विद्या भारती चिन्मया विद्यालय में पढ़ रही हैं. ऐसे में 10वीं तक की पढ़ाई में मान्या को पांच शहरों के पांच अलग अलग स्कूलों में दाखिला लेना पड़ा. बदलते स्कूल, बावजूद इसका असर मान्या की पढ़ाई पर नहीं पड़ा. मान्या बताती हैं कि वह अपने पढ़ाई को लेकर काफी गंभीर रहती हैं और बिना तनाव के अपने समय अनुसार पढ़ाई करती हैं.
जेईई पर है अगला फोकस, सिविल सर्विस में जाने की हैं इच्छा
मान्या बताती हैं कि उनका अगला फोकस जेईई है. आगे अब वह उसकी तैयारी में जुट गई है. देश के टॉप आईआईटी कॉलेज में दाखिला लेना है. अपना करियर मान्या सिविल सर्विस में बनाना चाहती है. वह कहती है कि वह यूपीएससी के माध्यम से देश सेवा करना चाहती है.
पिता ने कहा बदलते शहर और बदलते परिवेश में भी मान्या खुद को मजबूत करती गई
मान्या के पिता अजीत कांत कहते हैं कि बैंक में नौकरी होने के कारण पिछले 10 वर्ष में तीन राज्य और पांच शहरों में तबादला हुआ और बच्चों का स्कूल भी उसी तरह बदलता रहा. उन्होंने कहा कि मान्या के ऊपर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. बदलते स्कूल, बदलते शहर, बदलते परिवेश में उसने खुद को बखूबी ढाला और पढ़ाई को निरंतर एक ही रफ्तार में रखा और पूरी गंभीरता और लगनशीलता के साथ पढ़ाई की जिसका परिणाम यह सफलता है. उन्होंने कहा हम लोगों को दूसरे शहर और लोगों के साथ घूलने मिलने में समय लगता है, लेकिन उनकी बेटी इससे इत्तर है.
12वीं टॉपर कौशिकी पाठक, क्लैट में प्राप्त कर चुकी हैं 159 रैंक
डीएवी पब्लिक स्कूल, बिस्टुपुर की छात्रा कौशिकी पाठक ने अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से पूरे जिले का मान बढ़ा दिया है. आर्ट्स स्ट्रीम में 98.2 प्रतिशत अंक हासिल कर उन्होंने जिले में टॉप करते हुए स्टेट टॉपर की श्रेणी में अपना नाम शामिल करने में सफल हुई है. कौशिकी इससे पहले कक्षा 10वीं की परीक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल से 96.4% अंक के साथ उत्तीर्ण की थी.
कौशिकी ने बातचीत में बताया कि उन्हें अंग्रेज़ी, इतिहास, अर्थशास्त्र में 98 अंक, भूगोल में 97 और राजनीतिक विज्ञान में 100 में से 100 अंक प्राप्त हुए. उनके पिता पूर्णेन्दु पाठक एक व्यवसायी हैं और माता रीना पाठक एक गृहिणी. कौशिकी का मानना है कि उनके माता-पिता ही उनके सबसे बड़े प्रेरणास्रोत हैं. कौशिका बताती हैं उन्होंने कभी किसी प्रकार की कोचिंग या ट्यूशन नहीं ली, बल्कि आत्म-अध्ययन और माता-पिता के सहयोग से यह मुकाम हासिल किया.
इतना ही नहीं, उन्होंने इस साल अपने छोटे भाई सूर्य शंकर पाठक को भी पढ़ाया, जिन्होंने 10वीं की परीक्षा में 91.2% अंक हासिल किए हैं. कौशिकी ने बताया कि 12वीं की परीक्षा के साथ-साथ उन्होंने क्लैट (CLAT) की भी तैयारी की और पूरे भारत में 159वीं रैंक प्राप्त की, जिससे उन्हें देश के शीर्ष लॉ कॉलेजों में दाखिला मिलने की संभावना है.
कौशिका का सपना है कि वे NLS बेंगलुरु या NALSAR हैदराबाद से कानून की पढ़ाई करें और आगे चलकर सिविल सर्विस की तैयारी करें. वे मानती हैं कि इस साल सीबीएसई का परीक्षा शेड्यूल बहुत अच्छा था, जिससे उन्हें हर विषय की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिला.
संदेश : – कौशिकी ने आगामी परीक्षार्थियों को सलाह देते हुई बोली कि वे पढ़ाई को लेकर दबाव में न आएं, मन को शांत रखें और मुख्य रूप से एनसीईआरटी की पुस्तकों पर ध्यान दें, क्योंकि यही पुस्तकें न केवल बोर्ड परीक्षा बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मार्गदर्शक सिद्ध होती हैं.