– बच्चों की शिक्षा और संस्कार में दादा-दादी, नाना – नानी का महत्वपूर्ण योगदान होता है: प्रधानाचार्य रंजय कुमार राय
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, बागबेड़ा में दादा-दादी / नाना- नानी सम्मान समारोह मनाया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह, सचिव सह बागबेड़ा क्षेत्र की लोकप्रिय पार्षद डॉ कविता परमार, कोषाध्यक्ष विजय कुमार गुप्ता, अभिभावक प्रतिनिधि बिपिन तिवारी तथा विद्यालय के प्रधानाचार्य रंजय कुमार राय के द्वारा संयुक्त रूप से मां सरस्वती, ॐ तथा भारत माता के छायाचित्रों के समक्ष संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन कर किया गया।
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अतिथियों का परिचय कराते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य रंजय कुमार राय ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चों की शिक्षा और संस्कार में दादा-दादी / नाना – नानी का महत्वपूर्ण योगदान होता है ।उनको अपने पोता-पोती से विशेष लगाव होता है। आज – कल परिवारों की स्थिति बहुत विकट हो गई है। माता- पिता दोनों ही दिन भर काम करते हैं और अपने बच्चों के लिए उनके पास समय नहीं होता है। ऐसे में बच्चे भटकते हैं। अगर घर में बड़े- बुजुर्ग हैं तो ऐसी स्थिति नहीं बनती है।
आप ही कथा – कहानियों के माध्यम से बच्चों में संस्कार का सृजन करते हैं। डॉ कविता परमार ने आगंतुकों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि परिवार में अपने बुजुर्गों को सम्मान देंगे एवं उन्हें किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होने देंगे। आप सभी अपने को बुजुर्ग समझकर तनाव न लें, मोबाइल में ज्यादा व्यस्त न रहें, स्वस्थ रहें , थोड़ा टहलें, योग करें और अपने परिवार को समृद्ध और सुसंस्कृत बनाएं।
उसके बाद भैया – बहनों ने अपने-अपने दादा-दादी / नाना – नानी का चरण पखारकर, तिलक- आरती कर तथा पुष्पार्चन कर सम्मानित किया। इसके बाद छोटे छोटे भैया – बहनों के द्वारा कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। मंच संचालन का कार्य विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य सुधाकर गिरी के द्वारा किया गया, इस कार्यक्रम में विद्यालय के आचार्य जी, दीदी जी, भैया – बहन तथा बड़ी संख्या में उनके दादा – दादी/ नाना – नानी उपस्थित रहे।
शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की गई।